भारत

हिमाचल में इतने मरीज ले रहे हैं HIV का इलाज, बीते एक साल में हुई करीब 5.92 लाख लोगों की जांच

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में 37वें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की. यह कार्यक्रम ‘सही राह पर चलें’ विषय पर आधारित था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘कार बिन’ पहल की शुरुआत की. पहले चरण में 4

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में 37वें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की. यह कार्यक्रम ‘सही राह पर चलें’ विषय पर आधारित था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘कार बिन’ पहल की शुरुआत की. पहले चरण में 4 हजार टैक्सियों को ‘कार बिन’ निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे और चरणबद्ध तरीके से राज्य में सभी 30 हजार टैक्सियों को कवर करने की योजना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने एचआईवी से निपटने और समग्र स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए बीते दो सालों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. साल 2024 में 8 लाख लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया और जनवरी, 2023 से अक्टूबर, 2024 तक 234 जांच शिविर आयोजित किए गए.

इन जांच शिविरों में रिकॉर्ड 5 लाख 92 हजार 902 लोगों की एचआईवी जांच की गई. राज्य में वर्तमान में 55 जांच और परामर्श केंद्र हैं, साथ ही दो मोबाइल जांच वाहन भी हैं, जिनमें मुफ्त एचआईवी जांच सेवा दी जाती है. मुख्यमंत्री ने एचआईवी की रोकथाम के लिए गैट अवेयर, गैट टेस्टिड व गैट विक्ट्री ओवर एचआईवी ‘3-जी फॉर्मूला’ दिया. उन्होंने युवाओं से इस सिद्धांत को अपनाने और जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया. युवाओं को ना केवल खुद जागरूक होना चाहिए बल्कि अपने समुदाय में दूसरों को भी स्वेच्छा से एचआईवी जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

आज शिमला में 37वें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

यह कार्यक्रम ‘सही राह पर चलें’ विषय पर आधारित था। एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘कार बिन’ पहल की शुरुआत की।

पहले चरण में, 4 हजार टैक्सियों को ‘कार बिन’ निःशुल्क उपलब्ध करवाए… pic.twitter.com/zVhAuDfxhR

— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) December 1, 2024

वर्तमान में राज्य में एचाईवी के 5 हजार 897 रोगी मुफ्त उपचार ले रहे हैं. सीएम ने मादक द्रव्यों के सेवन, सिरिंज के इस्तेमाल और एचआईवी के प्रसार के बीच संबंधों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि युवाओं में नशीली दवाओं के सेवन और सिरिंज के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

इससे भावी पीढ़ियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि एचआईवी केवल स्वास्थ्य संबंधी चुनौती नहीं है, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक विषय भी है. उन्होंने भेदभाव को खत्म करने और व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए सभी विभागों, संस्थानों, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रतिनिधियों और समुदाय के सदस्यों से एकजुट प्रयास करने की अपील की.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने एचआईवी को समाप्त करने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा एचआईवी के बारे में सटीक जानकारी देने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1097 शुरू किया गया है.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: हिंदू संगठनों की महापंचायत आज, पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में 37वें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की. यह कार्यक्रम ‘सही राह पर चलें’ विषय पर आधारित था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘कार बिन’ पहल की शुरुआत की. पहले चरण में 4 हजार टैक्सियों को ‘कार बिन’ निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे और चरणबद्ध तरीके से राज्य में सभी 30 हजार टैक्सियों को कवर करने की योजना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने एचआईवी से निपटने और समग्र स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए बीते दो सालों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. साल 2024 में 8 लाख लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया और जनवरी, 2023 से अक्टूबर, 2024 तक 234 जांच शिविर आयोजित किए गए.

इन जांच शिविरों में रिकॉर्ड 5 लाख 92 हजार 902 लोगों की एचआईवी जांच की गई. राज्य में वर्तमान में 55 जांच और परामर्श केंद्र हैं, साथ ही दो मोबाइल जांच वाहन भी हैं, जिनमें मुफ्त एचआईवी जांच सेवा दी जाती है. मुख्यमंत्री ने एचआईवी की रोकथाम के लिए गैट अवेयर, गैट टेस्टिड व गैट विक्ट्री ओवर एचआईवी ‘3-जी फॉर्मूला’ दिया. उन्होंने युवाओं से इस सिद्धांत को अपनाने और जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया. युवाओं को ना केवल खुद जागरूक होना चाहिए बल्कि अपने समुदाय में दूसरों को भी स्वेच्छा से एचआईवी जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

आज शिमला में 37वें विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

यह कार्यक्रम ‘सही राह पर चलें’ विषय पर आधारित था। एचआईवी जागरूकता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘कार बिन’ पहल की शुरुआत की।

पहले चरण में, 4 हजार टैक्सियों को ‘कार बिन’ निःशुल्क उपलब्ध करवाए… pic.twitter.com/zVhAuDfxhR

— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) December 1, 2024

वर्तमान में राज्य में एचाईवी के 5 हजार 897 रोगी मुफ्त उपचार ले रहे हैं. सीएम ने मादक द्रव्यों के सेवन, सिरिंज के इस्तेमाल और एचआईवी के प्रसार के बीच संबंधों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि युवाओं में नशीली दवाओं के सेवन और सिरिंज के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

इससे भावी पीढ़ियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि एचआईवी केवल स्वास्थ्य संबंधी चुनौती नहीं है, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक विषय भी है. उन्होंने भेदभाव को खत्म करने और व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए सभी विभागों, संस्थानों, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रतिनिधियों और समुदाय के सदस्यों से एकजुट प्रयास करने की अपील की.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने एचआईवी को समाप्त करने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा एचआईवी के बारे में सटीक जानकारी देने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1097 शुरू किया गया है.

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Load More Posts Loading...No More Posts.