उत्तरकाशी।
उत्तराखंड की हर्षिल घाटी में बेल्जियम के नौ साहसी युवाओं ने शुक्रवार को केनोइंग का रोमांचक अभियान शुरू किया। 500 से 800 मीटर ऊंचाई वाले झरनों पर यह टीम तेज बहाव के साथ उतरकर जलक्रीड़ा का प्रदर्शन कर रही है, जिसने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को खासा आकर्षित किया है।

पर्यटन व्यवसायी अखिल पंत ने बताया कि बेल्जियम के इन युवाओं ने पहले दिन मंदाकिनी फॉल (हर्षिल), लिंगसिंगा झरना (धराली), सिंहगाड़ झरना (बगोरी और झाला के बीच) जैसे झरनों पर रेपलिंग तकनीक से नीचे उतरकर केनोइंग का प्रदर्शन किया।
झरनों पर साहसिक प्रदर्शन
पंत ने कहा कि यह अभियान बेल्जियम के युवाओं का हर्षिल घाटी में पहला प्रयास है, जहां वे ऊंचे झरनों के मुहाने तक मार्ग तैयार कर रेपलिंग से तेज बहाव के साथ भूमि तक उतरते हैं। यह केनोइंग का रोमांचक रूप है, जो साहसिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगा। टीम ने हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पहले भी यह खेल किया है। आने वाले दिनों में वे भटवाड़ी के शंखधार झरना, हर्षिल के तेलगाड़ और घाटी के आसपास के 500 मीटर ऊंचे झरनों पर प्रदर्शन करेंगे।
साहसिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अखिल पंत ने बताया कि यह साहसिक खेल हर्षिल की ऊंची-ऊंची जलधाराओं को नई पहचान दिलाएगा। इससे साहसिक खेलों के शौकीनों को अनोखा अनुभव मिलेगा और जनपद के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। हर्षिल घाटी की प्राकृतिक सुंदरता और तेज बहाव वाले झरने ऐसे साहसिक आयोजनों के लिए आदर्श हैं। स्थानीय पर्यटन व्यवसायी इसे साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने का सुनहरा अवसर बता रहे हैं।
हर्षिल घाटी उत्तरकाशी जिले में भगीरथी नदी के किनारे स्थित है, जहां ऊंचे झरने जैसे मनेरी खेड़ी वाटरफॉल और सुकही टॉप ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। उत्तराखंड में केनोइंग जैसे जल साहसिक खेल ऋषिकेश के बाद हर्षिल में बढ़ रहे हैं, जो पर्यटन को नई दिशा दे रहे हैं। यह अभियान साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा।