देहरादून।
उत्तराखंड ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में उत्तराखंड की उपलब्धियों की सराहना हुई। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य की योजनाओं का विस्तृत प्रजेंटेशन दिया, जिसके बाद केंद्र ने ग्रामीण विकास योजनाओं को भौतिक और वित्तीय स्वीकृति दी।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई)
डीडीयू-जीकेवाई ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए कौशल प्रदान करने की भारत सरकार की पहल है। इसका लक्ष्य ग्रामीण गरीब युवाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और वैश्विक कार्यबल के लिए तैयार करना है। योजना की विशेषताएं शामिल हैं: निःशुल्क प्रशिक्षण, बोर्डिंग और लॉजिंग; एससी (19%), एसटी (3%), अल्पसंख्यक (10%), महिला (33%) और दिव्यांग (5%) के लिए विशेष लक्ष्य; एनएसक्यूएफ-संरेखित पाठ्यक्रम; आईटी, अंग्रेजी और सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण; नौकरी के दौरान प्रशिक्षण; और प्लेसमेंट के बाद सहायता। उत्तराखंड ने इस योजना में 100% लक्ष्य हासिल कर देश में शीर्ष प्रदर्शन किया, जिसके लिए अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किए गए।
पात्रता और आवेदन
15-35 वर्ष के ग्रामीण युवा (महिलाओं, कमजोर आदिवासी समूहों, दिव्यांगों के लिए 45 वर्ष तक) पात्र हैं। बीपीएल कार्ड धारक, मनरेगा में 15 दिन काम करने वाले, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा या अंत्योदय अन्न योजना लाभार्थी, और एनआरएलएम एसएचजी परिवार के सदस्य आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए कौशल पंजी और आधार फेस आरडी ऐप्स Google Play Store से डाउनलोड करें।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
DAY-NRLM में उत्तराखंड ने 2024-25 में 105.67 करोड़ रुपये के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया, जिसके लिए केंद्र ने 32 करोड़ रुपये की बोनस किश्त स्वीकृत की। उत्तराखंड यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला राज्य बना। 2025-26 के लिए 142.21 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष से 35% अधिक) और अधिकतम 213.32 करोड़ रुपये की व्यय सीमा को मंजूरी दी गई।
लाभ और प्रभाव
ये योजनाएं ग्रामीण गरीब, बेरोजगार युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, और कैरियर प्रगति के अवसर प्रदान करती हैं। उत्तराखंड और पंजाब को डीडीयू-जीकेवाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सराहा गया। इन योजनाओं से ग्रामीण युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं।