देहरादून:
उत्तराखंड के चमोली जिले में अगस्त माह में थराली क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही के बाद गौरव सैनानी एसोशिएशन उत्तराखंड की पांच सदस्यीय टीम ने पाबौ राठ और थराली-देवाल क्षेत्रों के आपदा प्रभावित परिवारों को सहयोग राशि वितरित की। संगठन ने विशेष रूप से पाबौ राठ के फलदौड़ी गांव के निवासी चमन सिंह को 10 हजार रुपये का चेक सौंपा, जिनका मकान आपदा में पूरी तरह नष्ट हो गया और दोनों पैरों में फ्रैक्चर के कारण वे श्रीनगर गढ़वाल बेस अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

संगठन की टीम ने शनिवार को बेस अस्पताल पहुंचकर चमन सिंह का हालचाल जाना और उन्हें सहायता राशि का चेक प्रदान किया। प्रदेश अध्यक्ष महावीर राणा और श्रीनगर गढ़वाल इकाई के अध्यक्ष सुनील गुसाईं ने चेक सौंपते हुए कहा कि यह सहायता पूर्व सैनिकों की पेंशन राशि से एकत्रित की गई है। सुनील गुसाईं ने बताया, ‘संगठन के सदस्यों ने अपनी सीमित पेंशन का एक हिस्सा देकर आपदा पीड़ितों का साथ दिया है।
यह उनकी देशभक्ति और मानवता का प्रतीक है। भगवान चमन सिंह को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें।’ थराली में 22-23 अगस्त की आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही मच गई थी। लगभग एक बजे तेज बारिश के दौरान टुनरी गदेरे में जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे एसडीएम आवास, तहसील परिसर और दर्जनों घरों में मलबा घुस गया। एक युवती की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए। भारतीय सेना और एसडीआरएफ की टीमों ने बचाव कार्य में भाग लिया, जिसमें 150 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया।
पाबौ राठ क्षेत्र में भी भारी वर्षा से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जहां कई परिवार बेघर हो गए। उत्तराखंड में 2025 में अब तक कई आपदाओं ने राज्य को हिला दिया है। धराली के बाद थराली में अतिवृष्टि ने सैकड़ों परिवारों को प्रभावित किया, जहां मलबे से कई वाहन दब गए और सड़कें अवरुद्ध हो गईं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत पैकेज की घोषणा की, जिसमें मकान निर्माण के लिए 4 लाख रुपये तक की सहायता शामिल है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें अभी भी सक्रिय हैं, जबकि स्थानीय संगठनों की भूमिका सराहनीय रही है।
गौरव सैनानी एसोशिएशन के इस प्रयास से पीड़ित परिवारों में नया उत्साह है। चमन सिंह के परिवार ने संगठन का आभार आभार जताया है। संगठन ने अन्य पूर्व सैनिकों से भी योगदान की अपील की है, ताकि थराली-देवाल जैसे क्षेत्रों में पुनर्वास कार्य तेज हो।