श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने गुरुवार प्रातःकाल सात से नौ बजे तक कॉलेज एवं बेस अस्पताल परिसर में स्थित छात्र-छात्राओं के हॉस्टलों का व्यापक औचक निरीक्षण किया। इस “srinagar medical college hostel inspection” के दौरान उन्होंने मैस व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता मानकों और समग्र आवास सुविधाओं का बारीकी से मूल्यांकन किया।

प्राचार्य ने स्पष्ट किया कि छात्रों द्वारा भोजन संबंधी कोई भी शिकायत की स्थिति में तत्काल संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, क्योंकि भविष्य के चिकित्सकों का स्वास्थ्य और पोषण संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान सभी मैस संचालकों को स्वच्छ, पौष्टिक और उच्च गुणवत्तापरक भोजन उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए गए, साथ ही यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि छात्रों को घर जैसा स्वादिष्ट और स्वस्थ भोजन मिले।
डॉ. सयाना ने मैस व्यवस्था की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित निगरानी और सुधार की योजना पर जोर देते हुए कहा कि जिन मैसों की संचालन अवधि समाप्त हो चुकी है या जो अपेक्षित मानकों पर खरे नहीं उतर रहे, उनके लिए शीघ्र ही नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से बेहतर सेवा प्रदाताओं का चयन किया जाएगा, जिससे छात्रों को अधिक गुणवत्तापूर्ण भोजन और सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निरंतर मार्गदर्शन में कॉलेज प्रशासन छात्रों की आवास सुविधाओं, भोजन व्यवस्था और परिसर की स्वच्छता पर लगातार ध्यान दे रहा है, ताकि एक आदर्श शैक्षणिक वातावरण बना रहे।
प्राचार्य ने सभी हॉस्टल वार्डनों को विशेष निर्देश दिए कि दैनिक आधार पर सफाई व्यवस्था, वाटर कूलर्स की कार्यप्रणाली, रसोई क्षेत्र की स्वच्छता और समग्र हॉस्टल अनुशासन का सतत निरीक्षण किया जाए। साथ ही, छात्रों की मनोरंजन और शारीरिक गतिविधियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हॉस्टल परिसर की खाली जगह का उपयोग करते हुए दोपहिया वाहनों की पार्किंग सुविधा और बैडमिंटन कोर्ट जैसी खेल सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
डॉ. सयाना ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि पुराने मोर्चरी के निकट एक नई मोर्चरी का निर्माण किया जाएगा, जहाँ उन शवों को रखा जा सकेगा जिनका पोस्टमार्टम नहीं कराया जाना है। इसके अतिरिक्त, आसपास के खाली स्थानों को स्टोरेज सुविधाओं के रूप में विकसित करने की योजना है, जिससे कॉलेज की भंडारण क्षमता बढ़ेगी और बेहतर व्यवस्थापन संभव हो सकेगा।
निरीक्षण के दौरान अरविंद मैठाणी, प्रदीप नेगी, त्रिलोक रावत सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे, जिन्हें प्राचार्य ने छात्रों की सुविधाओं में निरंतर सुधार और गुणवत्ता बनाए रखने के दायित्व की याद दिलाई।



