श्रीनगर गढ़वाल।

गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के पावन अवसर पर न्यायालय परिसर श्रीनगर में ध्वजारोहण और चित्र अनावरण समारोह आयोजित किया गया। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कुमारी अलका ने सुबह 8 बजे ध्वज फहराया तथा महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों का अनावरण कर उनका माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने अहिंसा, सत्य, सादगी और देशभक्ति के मूल्यों को अपनाने पर बल दिया।समारोह की मुख्य अतिथि सिविल जज कुमारी अलका ने कहा, “गांधी जी का विचार ‘सत्य ही ईश्वर है और अहिंसा परमो धर्मः’ हमें सिखाता है कि जीवन में हमेशा सत्य का साथ निभाएं और अहिंसा के मार्ग पर चलें।”
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्य के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी, जबकि लाल बहादुर शास्त्री जी ने सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। “2 अक्टूबर का दिन हमें उनके जीवन मूल्यों को आत्मसात करने और समाज में शांति, प्रेम व एकता स्थापित करने की प्रेरणा देता है।”

बार एसोसिएशन के संरक्षक अनूप श्री पांथरी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “2 अक्टूबर हमारे लिए गर्व, सम्मान और प्रेरणा का दिन है। गांधी जी के विचार आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी उनके कार्यों के सम्मान में 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया है।”
उन्होंने बताया कि गांधी जी की शिक्षाओं ने न केवल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती दी, बल्कि विश्व में सामाजिक न्याय, अहिंसा और शांति का संदेश फैलाया। वहीं, शास्त्री जी का ‘जय जवान-जय किसान’ नारा आज भी प्रासंगिक है, जो सादगी और देशभक्ति का प्रतीक है।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेश चंद्र जोशी ने कहा, “भारत के इतिहास में 2 अक्टूबर एक महत्वपूर्ण तिथि है, जब दो महान विभूतियों- महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ। गांधी जी ने अहिंसा और सत्य के बल पर स्वतंत्रता प्राप्ति में अपार योगदान दिया, जबकि शास्त्री जी ने सादगी व ईमानदारी से देश सेवा का आदर्श स्थापित किया। ये दोनों विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।”
समारोह में संरक्षक अनूप श्री पांथरी, अध्यक्ष प्रमेश चंद्र जोशी, राजेश जैन, पी.एल.वी. सदस्य पूनम हटवाल, रोशनी देवी, प्रियंका रॉय, प्रकाश नेगी, मानव बिष्ट, न्यायालय कर्मचारी ज्योतिष घिल्डियाल, स्टेनो हिरदेश कुमारी, शिवानी बिष्ट, अंजुला देवी रौथाण, आनंद भारती, सोहन सिंह आदि उपस्थित रहे।