चंपावत।
चंपावत के ऐतिहासिक शारदा घाट एवं तीर्थ क्षेत्र को नया रूप देने के लिए शारदा कॉरिडोर के तहत पहले चरण में 185.20 करोड़ रुपये से सुंदरीकरण व सुविधाओं का काम शुरू हो गया है। जैव विविधता संरक्षण और आपदा प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से किरोड़ा नाला पारिस्थितिक कारीडोर के लिए 109.57 करोड़ की योजना बनाई गई है, जिससे पर्यावरणीय स्थायित्व और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

वहीं 62.11 करोड़ की सिटी ड्रेनेज योजना के पहले चरण में शहरी जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे बाढ़ की घटनाओं में कमी आएगी और वर्षा जल का प्रबंधन व्यवस्थित होगा। तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु जिम कॉर्बेट के अंतिम शिकार मार्ग पर ठांट गांव तक 5.34 करोड़ से वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है, जिससे सुरक्षित व सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी।
शारदा घाट के रिवर फ्रंट के निर्माण, सुरक्षित स्नान घाट, आरती स्थल, स्वच्छता, शौचालय, विश्रामगृह, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था व सौंदर्यकरण कार्य भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समारोह में शारदा तट को ऐतिहासिक स्वरूप देने को अपना संकल्प बताया।

टनकपुर के शारदा घाट पर सुंदरीकरण कार्य का शुभारंभ करते हुए सीएम धामी भावुक होकर बोले कि शारदा से उनका गहरा जुड़ाव रहा है और वे बचपन से शारदा घाट, तट और जल से आत्मीयता महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में शारदा घाट को हर की पैड़ी जैसा भव्य बनाएंगे और यहां की आरती देश-विदेश में प्रसिद्ध होगी, जिससे श्रद्धालु पूर्णागिरि धाम के दर्शन के बाद चंपावत में कुछ दिन बिताने को प्रेरित होंगे।

इस दौरान सीएम के दौरे को कवर करने गई सूचना विभाग की टीम पर मधुमक्खियों का हमला हो गया, जिसमें जिला सूचना अधिकारी धीरज कार्की समेत एक अन्य फोटोग्राफर घायल हुए। वहीं महिलाओं ने चंपावत व टनकपुर में मुख्यमंत्री को पारंपरिक “च्यूड़ा पूजन” से दीर्घायु की कामना की। कुमाऊं की इस रीति से बहनें अपने भाइयों के साथ सुख-समृद्धि और अटूट संबंध की मंगलकामना करती हैं। मुख्यमंत्री ने शारदा तट पर आरती का महत्व बताते हुए कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अब यहां आरती व प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए स्थानीय संस्कृति से जुड़ेंगे।
2025 – शारदा कॉरिडोर प्रोजेक्ट: प्रमुख योजनाएँ व आँकड़ा
| योजना/क्षेत्र | अनुमानित लागत | मुख्य सुविधाएँ/प्रभाव | लक्ष्य समूह |
|---|---|---|---|
| शारदा कारीडोर – I चरण | ₹185.20 करोड़ | सौंदर्यकरण, रिवर फ्रंट | तीर्थ यात्री, पर्यटक |
| किरोड़ा नाला पारिस्थितिकी | ₹109.57 करोड़ | जैव विविधता, आपदा सुरक्षा | पर्यावरण/स्थानीय नागरिक |
| सिटी ड्रेनेज प्रोजेक्ट | ₹62.11 करोड़ | जल निकासी, बाढ़ नियंत्रण | शहरी जनता |
| ठांट गांव यात्रा मार्ग | ₹5.34 करोड़ | वैकल्पिक, सुरक्षित यात्रा | तीर्थ यात्री |
| च्यूड़ा पूजन, आरती स्थल | सांस्कृतिक निवेश | पारंपरिक संस्कृति, दीर्घायु | ग्रामीण/महिलाएं |
शारदा कॉरिडोर का यह प्रोजेक्ट न केवल तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराएगा, बल्कि चंपावत की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान को भी नया आयाम देगा। मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत संकल्प से शारदा तट को हर की पैड़ी जैसा दिव्य बनाने की दिशा में ठोस शुरुआत हो चुकी है। जैव विविधता, सुंदरीकरण और सामाजिक-सांस्कृतिक परंपरा के मेल से आने वाले समय में उत्तराखंड का यह तट धार्मिक, पर्यावरणीय और पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख रूप से स्थापित होगा।



