चमोली ।
चमोली जिले के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में शनिवार को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद आंदोलनकारियों के चित्रों पर माल्यार्पण और सम्मान से हुई। इस दौरान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दीं, जिससे समग्र आयोजन को भावनात्मक और प्रेरणादायक माहौल मिला।
समारोह में जिलाधिकारी गौरव कुमार ने सभी आंदोलनकारियों, उनके परिजनों, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष राज्य की विकास यात्रा में अहम पड़ाव हैं अब हमें आत्ममंथन करना चाहिए कि उत्तराखंड को किस दिशा में ले जाना है। गौरव कुमार ने कहा कि राज्य आंदोलन केवल अलग राज्य की मांग नहीं, बल्कि पर्यावरण, संस्कृति और पहाड़ी मूल्यों की रक्षा का भी आंदोलन था।
आंदोलनकारियों ने संवाद में राज्य उपलब्धियों, हासिल किए गए अधिकारों, और बाकी मुद्दों का जायजा लेते हुए मूल निवास, समान पेंशन, वास्तविक आंदोलनकारियों की पहचान, स्थानीय रोजगार, और गांवों के लिए ठोस विकास नीति की जरूरत पर बल दिया। उनके अनुसार, राज्य की मांग का हल केवल राजधानी या बड़े शहरों का विकास नहीं, बल्कि पलायन रोकने, पहाड़ी संस्कृति बचाने, शिक्षा-स्वास्थ्य की पहुंच हर गांव तक सुनिश्चित करने में है।
समारोह में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ने शॉल व माल्यार्पण कर सभी आंदोलनकारियों को सम्मानित किया। विधायक लखपत बुटोला, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख विनीता देवी, पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार, प्रशासनिक अधिकारी, एसडीएम आरके पाण्डेय समेत कॉलेज छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने 25 वर्ष की उपलब्धि पर गौरव अनुभव किया और समृद्ध, आत्मनिर्भर, भागीदारी उत्तराखंड के निर्माण का संकल्प लिया।
2025 – गोपेश्वर राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह का सारांश
| आयोजन/स्थान | सम्मान/प्रस्तुति | मुद्दे/संवाद | मुख्य अतिथि/वक्ता | सामाजिक संदेश |
|---|---|---|---|---|
| गोपेश्वर महाविद्यालय | शहीदों की श्रद्धांजलि, शॉल-माला | मूल निवास, समान पेंशन, पलायन, रोजगार | जिलाधिकारी, विधायक, प्रशासक | संस्कृति, अंत्योदय, ग्रामीण विकास |
| सांस्कृतिक प्रस्तुति | छात्र-छात्राओं द्वारा | — | — | प्रेरणादायक, भावनात्मक |
गोपेश्वर सम्मान समारोह में 25 साल के राज्य सफर का आत्ममंथन, संघर्ष, संघटित प्रयास और सार्थक विकास की मिशाल सामने आई। सभी ने जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता के साथ पहाड़ और गांव के सर्वांगीण विकास के संकल्प को साझा किया।



