पिथौरागढ़।
प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले मीठे सुगंधित दूध पाउडर में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। जिले के बिण और मूनाकोट विकासखंड के कई स्कूलों में वितरित पैकेटों पर पांच साल पुरानी expiry date अंकित मिली। जागरूक बच्चों और अभिभावकों ने जब पैकेट पर लिखी तिथि जांची, तो पाया कि उस पर वर्ष 2020 दर्ज था, जबकि यह आपूर्ति अक्टूबर से दिसंबर 2025 की अवधि के लिए थी।
सौभाग्य से दीपावली अवकाश के चलते अधिकांश छात्रों ने यह दूध सेवन नहीं किया। मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग ने आपूर्ति स्रोत—आंचल दुग्ध प्लांट पिथौरागढ़—से संपर्क साधा। जांच के बाद यूनियन प्रबंधक मौके पर पहुंचे और पैकेटों की जांच कर बताया कि उत्पाद की गुणवत्ता सुरक्षित है, लेकिन तिथि प्रिंटिंग में त्रुटि हुई है।
रुद्रपुर स्थित आंचल अमृत प्लांट के प्रभारी विपिन चंद्र ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजे स्पष्टीकरण पत्र में कहा कि “दूध चूर्ण 18 से 24 सितंबर 2025 के बीच निर्मित है। एक्सपायरी वर्ष गलत अंकित होना केवल प्रिंटिंग मिस्टेक थी।” उन्होंने इसके लिए लिखित खेद जताते हुए आश्वासन दिया कि आगे उत्पादन व पैकिंग प्रक्रिया में ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी।
फिलहाल संबंधित स्कूलों में वितरित दूध चूर्ण सुरक्षित रखवाया गया है और प्रशासन व शिक्षा विभाग मामले की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि दूध प्रयोग से पहले समुचित पुष्टि के बाद ही अनुमति दी जाएगी। बता दें कि इस योजना के तहत जिले के हर बच्चे को सप्ताह में दो बार 10 ग्राम दुग्ध चूर्ण उपलब्ध कराया जाता है।



