उत्तराखंड

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुंभ में की सहभागिता, बौद्धिक विमर्श में शामिल हुए अध्यापक

देवप्रयाग:
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्रों ने प्रयागराज में आयोजित कुंभ के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया। परिसर के अध्यापकों ने भी बौद्धिक विमर्श में अपनी भागीदारी दर्ज की। छात्रों के आवागमन के लिए परिसर ने विशेष व्यवस्था की थी। विश्वविद्यालय के सभी 12 परिसरों के छात्रों ने प्रयागराज में कुंभ स्नान किया।

skynet public school, agency mohalla, srinagar garhwal

कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी की दिशा में, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ ने सभी परिसरों के छात्रों को महाकुंभ में भाग लेने के निर्देश दिए। रघुनाथ कीर्ति परिसर से दो छात्र टीमें और एक अध्यापक टीम ने अलग-अलग समय पर कुंभ में भाग लिया। पहली टीम में 50 और दूसरी में 31 छात्र शामिल थे। पहली टीम ने कुंभ में परंपरा और संस्कृति को समझा, जबकि दूसरी टीम ने 6 से 9 फरवरी तक आयोजित ज्ञान कुंभ में हिस्सा लिया।
इस आयोजन को उत्तर प्रदेश सरकार, संस्कृत शिक्षा उत्थान न्यास, और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से किया था। ‘आचार्य सम्मेलन’ में परिसर के अध्यापक डॉ. सुरेश शर्मा और डॉ. अमंद मिश्र ने भाग लिया। छात्रों के दल का मार्गदर्शन प्राध्यापक डॉ. सुधांशु वर्मा, अंकुर वत्स, डॉ. सुमन रावत और जनार्दन सुवेदी ने किया। अंकुर वत्स ने बताया कि छात्रों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज से मुलाकात की, जिन्होंने छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इस दौरान, छात्रों ने संस्कृत के उत्थान में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर जगन्नाथ पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज से प्रश्न किए। प्रोफेसर अंकुर वत्स ने वर्णाश्रम व्यवस्था पर निश्चलानंद महाराज से विचार-विमर्श किया।
कुंभ में गए छात्रों में से कीर्ति बड़ोदिया, पूजा नेगी, माधुरी, हिमांशु पांडेय और विमलेश ने बताया कि परिसर द्वारा की गई व्यवस्था बहुत अच्छी थी और यह यात्रा उनके मन पर बहुत गहरा सकारात्मक प्रभाव छोड़ गई।
रघुनाथ कीर्ति परिसर के निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि प्रयागराज के कुंभ में परिसर के अनेक छात्रों ने भाग लेकर पुण्य कमाया और परिसर का प्रतिनिधित्व किया। छात्रों का अनुभव बहुत अच्छा रहा और इस प्रकल्प से विश्वविद्यालय छात्रों के बौद्धिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

Related Posts

Load More Posts Loading...No More Posts.