अल्मोड़ा।
नशा मुक्ति देवभूमि 2025 अभियान के तहत मंच संस्था ने स्प्रिंगडेल्स स्कूल में नशा उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक धीरेंद्र सिंह रावत और अनुभव मिश्रा ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसानों की विस्तार से जानकारी दी।
मंच संस्था के भूपेंद्र सिंह मेहरा ने बताया कि नशा न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मानसिक, आर्थिक और सामाजिक क्षति भी करता है। उन्होंने कहा कि नशा धीरे-धीरे व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर कर देता है।
धीरज रावत ने डिजिटल फ्रॉड और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि मोबाइल की ब्लू लाइट आंखों के लिए हानिकारक है। लगातार मोबाइल का उपयोग करने वाले बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं। उन्होंने बच्चों को नशे और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह दी।
रावत ने जोर देकर कहा कि बच्चे समाज की मजबूत कड़ी और भविष्य के कर्णधार हैं। इसलिए उन्हें नशे से दूर रहना चाहिए और अपने आसपास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रिंसिपल ज्योत्सना और अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद रहे।