कीर्तिनगर।
कीर्तिनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत सिरोला, सेमली और मुंडोली में महीनों से चली आ रही पेयजल समस्या ने ग्रामीणों का सब्र तोड़ दिया है। पानी की आपूर्ति में लगातार अनियमितता और विभागीय अनदेखी से परेशान होकर ग्रामीणों ने सोमवार को जिला पंचायत सदस्य कविता देवी के नेतृत्व में कीर्तिनगर तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार और क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा, जिसमें पेयजल आपूर्ति की नियमितता और पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने की मांग की गई। कविता देवी ने कहा कि विभाग को बार-बार समस्या बताने के बावजूद हल नहीं मिला—खासकर वे परिवार जिनमें बुजुर्ग सदस्य ज्यादा हैं, उन्हें रोजाना परेशानी उठानी पड़ती है।
धरना प्रदर्शन में उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत समेत अन्य जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत समिति के सदस्य भी पहुंचे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो बड़ा जनआंदोलन किया जाएगा। मूल निवास भू कानून समिति के अरुण नेगी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सांक्रो प्रताप सिंह भंडारी ने भी कहा कि स्थानीय विधायक व अधिकारी बार-बार आश्वासन देकर ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि वास्तविक पेयजल संकट से लोग जूझ रहे हैं।
धरने के बाद मौके पर पहुंचे जल संस्थान व जल निगम के अधिकारियों ने ग्रामीणों को दिसंबर तक पेयजल आपूर्ति बहाल करने और जब तक लक्षमोली-हडिमधार पेयजल योजना पूरी नहीं हो जाती, तब तक प्रतिदिन टैंकरों के जरिये पानी देने का लिखित आश्वासन दिया। उपजिलाधिकारी डॉ. नीलू चावला के मुताबिक, योजना का काम पूरा होते ही स्थायी आपूर्ति बहाल हो जाएगी। इस धरना प्रदर्शन में स्थानीय ग्रामीणों का सोशल और सामुदायिक जागरण भी दिखा, जिससे साफ है कि अब शहर-गांव की बेसिक सुविधाओं के लिए आम जनता एकजुट होकर आवाज उठाने लगी है।
2025 – कीर्तिनगर पेयजल संकट और समाधान की स्थिति
| क्षेत्र/गांव | समस्या | कार्रवाई/प्रतिसाद | विभाग/जन प्रतिनिधि | समाधान/आश्वासन |
|---|---|---|---|---|
| सिरोला, सेमली, मुंडोली | अनियमित पेयजल | एक दिवसीय धरना, ज्ञापन | कविता देवी, पूरण सिंह कठैत | दिसंबर तक बहाली, टैंकर |
| सरकारी प्रतिक्रिया | पानी की तंगी, बुजुर्ग परेशान | टैंकर से आपूर्ति, योजना निर्माण | जल संस्थान, जल निगम | स्थायी कार्य, लिखित वादा |
कीर्तिनगर क्षेत्र में पानी की समस्या से बेहाल ग्रामीणों ने एकजुटता और जनजागरण दिखाया, जिससे न सिर्फ महकमा हरकत में आया बल्कि अब दिसंबर तक आपूर्ति बहाली का लिखित आश्वासन भी मिला है। यह उदाहरण प्रदेश में बेसिक सुविधाओं के लिए जनता की अहमियत और अधिकारों को दर्शाता है।



