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haridwar mahila aspatal prasav: अस्पताल स्टाफ ने भर्ती करने से किया इनकार, प्रसूता ने फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

हरिद्वार।

हरिद्वार के महिला अस्पताल haridwar mahila aspatal prasav में एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार करने के बाद फर्श पर बच्चे को जन्म देने की घटना सामने आई जहां परिजनों ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने महिला को बाहर निकाल दिया और अस्पताल स्टाफ ने मदद करने से मना कर दिया जिसके चलते प्रसूता को तड़पते हुए प्रसव करना पड़ा तथा आशा वर्कर को ही फर्श साफ करने के लिए कहा गया। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें अमानवीय व्यवहार दिखाई दे रहा है और स्वास्थ्य विभाग ने सफाई देते हुए पूरे प्रकरण की जांच शुरू करने की बात कही है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है क्योंकि सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है और यदि चिकित्सकों या कर्मचारियों द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी तथा उन्होंने आयोग की सदस्य को जांच के निर्देश दिए साथ ही सीएमओ आर के सिंह व कमल जोशी को प्रकरण की जांच कराने का आदेश जारी किया।

परिजनों के अनुसार मजदूर की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टर ने डिलीवरी न करने की बात कहकर बाहर कर दिया और महिला को बेसहारा छोड़ दिया जिसके बाद फर्श पर ही बच्चे का जन्म हुआ तथा आशा वर्कर का फोन छीनने की कोशिश भी की गई जब वह वीडियो बना रही थी। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को उजागर किया जहां तीर्थनगरी हरिद्वार से इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आईं और सोशल मीडिया पर क्राइम न्यूज के रूप में ट्रेंड कर रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई सफाई में कहा गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है और ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

कुसुम कंडवाल ने जोर देकर कहा कि निंदनीय घटना में जांच के बाद दोषियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा तथा महिला आयोग इस प्रकरण पर नजर रखे हुए है जहां उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि सरकारी अस्पतालों में प्रसव सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद ऐसी लापरवाही सामने आ रही है। सोशल मीडिया पोस्ट्स में इस घटना को क्राइम न्यूज और लेटेस्ट अपडेट्स के रूप में शेयर किया जा रहा है जहां यूजर्स स्वास्थ्य व्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।

haridwar mahila aspatal prasav: स्वास्थ्य व्यवस्था की चुनौतियां

यह घटना उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को दर्शाती है जहां सरकारी अस्पतालों में प्रसव के दौरान लापरवाही के मामले पहले भी सामने आए हैं लेकिन इस बार वायरल वीडियो ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है तथा महिला आयोग की सक्रियता से जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ की भूमिका की जांच की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए जिससे दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

उत्तराखंड महिला आयोग जांच: मांगें और प्रतिक्रिया

आयोग ने कहा कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ सभी को मिलना चाहिए और ऐसी घटनाओं से महिलाओं की सुरक्षा प्रभावित होती है इसलिए जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी तथा भविष्य में रोकथाम के उपाय अपनाए जाएंगे। सोशल मीडिया पर इस घटना को ट्रेंडिंग पोस्ट के रूप में देखा जा रहा है जहां यूजर्स हरिद्वार न्यूज और उत्तराखंड अपडेट्स शेयर कर रहे हैं।

हिमालयी राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा: भविष्य की दिशा

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अब इस प्रकरण पर फोकस कर रहा है जहां कुसुम कंडवाल की अगुवाई में महिला आयोग जांच कर रहा है और सीएमओ टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है जिससे सरकारी अस्पतालों में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह विवाद महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा पर बहस छेड़ रहा है जहां जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई तय होगी।

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