देहरादून।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) ने 21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तर की लिखित परीक्षा को रद्द कर दिया है। आयोग के सचिव डॉ. शिव बरनवाल ने रद्दीकरण के आदेश जारी करते हुए कहा कि तीन माह के भीतर यह परीक्षा नए सिरे से आयोजित होगी।
पेपर लीक के आरोप पर कार्रवाई 9 अप्रैल 2025 को जारी विज्ञप्ति के आधार पर आयोजित इस परीक्षा के बाद सोशल मीडिया पर कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट वायरल हो गए। आयोग ने तुरंत एसएसपी देहरादून को सूचित किया, जिसके बाद थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज हुआ। 27 सितंबर 2025 को राज्य सरकार ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत रिटायर्ड हाईकोर्ट जज यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया।

न्यायिक आयोग की अंतरिम रिपोर्ट 11 अक्टूबर को आयोग को न्यायिक जांच की अंतरिम रिपोर्ट मिली। आयोग ने रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया कि परीक्षा की गोपनीयता, शुचिता और पारदर्शिता के साथ-साथ अभ्यर्थियों और जनता का विश्वास बनाए रखना आवश्यक है। वर्तमान में प्रकरण की जांच चल रही है, इसलिए परीक्षा रद्द करना उचित पाया गया।
सीबीआई जांच की सिफारिश युवाओं के आंदोलन के बाद धामी सरकार ने पहले ही सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज निगरानी करेंगे। जज यू.सी. ध्यानी ने हल्द्वानी, टिहरी, देहरादून और अन्य स्थानों पर जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों के तर्क सुने।
मुख्यमंत्री का बयान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने कम समय में अधिकतम जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों और पक्षों से सुझाव लिए, जो सराहनीय है। सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणाली पर विश्वास बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। भविष्य में अनियमितताओं की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।