देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस (IASSI) के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन के सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे विषयों पर देश-विदेश के प्रख्यात विद्वान गहन विचार-विमर्श करेंगे। यह चिंतन सामाजिक नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन और जनकल्याण के लिए ठोस कदम उठाने में सहायक होगा।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रगति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं।
सौर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे और प्लास्टिक मुक्त भारत जैसे अभियान पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य सरकार सामाजिक न्याय और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि, पति-पत्नी दोनों को पेंशन और मासिक भुगतान जैसी पहल शामिल हैं।
सतत विकास लक्ष्यों पर प्रतिबद्धता
धामी ने कहा कि 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने के लिए राज्य सरकार पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है। आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित की जा रही है। इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन के लिए त्रि-स्तंभीय और नौ-सूत्रीय नीति लागू की गई है।
विकास के विविध क्षेत्र
उन्होंने बताया कि गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हो रही है। मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और शहरी आजीविका योजना इन क्षेत्रों को मजबूत कर रही हैं।
नीति आयोग की रैंकिंग में अव्वल
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ बताया कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है। टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के साथ समझौतों के जरिए जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा पर काम हो रहा है।
नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से युवाओं को एआई, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, पायथन, जनरेटिव एआई और कौशल विकास में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन प्रयासों से उत्तराखंड को सतत विकास का मॉडल स्टेट बनाने का लक्ष्य है।
सम्मेलन में नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, IASSI अध्यक्ष व नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रो. आर.पी. ममगांई, प्रो. आई.सी. अवस्थी, प्रो. अलख शर्मा सहित कई विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे।