देहरादून।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पटेल नगर स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में अहम योगदान देने वाले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस एवं आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सीएम ने वन्यजीव हमलों में जनहानि पर सहायता राशि को 10 लाख रुपये करने की घोषणा भी की, जो राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
आपदा योद्धाओं का सम्मान: कृतज्ञता का प्रतीक
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा, “ये सम्मान उन वीर कर्मियों के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना मानव जीवन बचाया।” उन्होंने उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमालय की गोद में बसा यह राज्य प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ भूस्खलन, बाढ़ और अतिवृष्टि जैसी आपदाओं का सामना करता है। “देवभूमि का सौंदर्य मनोहारी है, लेकिन चुनौतियां अप्रत्याशित,” उन्होंने जोर देकर कहा।

केदारनाथ से सिल्क्यारा तक: आपदाओं की यादें
सीएम धामी ने 2013 की केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि जय प्रलय में हजारों जानें गईं, जबकि 2021 की चमोली ऋषिगंगा-धौलीगंगा त्रासदी ने देश को झकझोर दिया। 2023 का जोशीमठ धंसाव और इस वर्ष उत्तरकाशी, चमोली व देहरादून में बादल फटने-भूस्खलन की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया। “इन आपदाओं में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस ने ग्राउंड जीरो पर डटकर काम किया, घायलों को सुरक्षित निकाला और राहत शिविर चलाए,” उन्होंने बताया। सिल्क्यारा टनल अभियान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा, “बाबा बौखनाग के आशीर्वाद और पीएम मोदी के मार्गदर्शन से मजदूर सुरक्षित बचे।”
प्रधानमंत्री का योगदान: 1200 करोड़ की राहत
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि पीएम ने देहरादून आकर पीड़ितों से मुलाकात की, समस्याएं सुनीं और 1200 करोड़ की विशेष राहत राशि घोषित की। “आपदा केवल संपत्ति नहीं तोड़ती, आत्मविश्वास भी चूर करती है। इसलिए हम पुनर्वास और आजीविका पर फोकस कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
आपदा प्रबंधन में नई पहल: ड्रोन से युवा प्रशिक्षण तक
सीएम धामी ने बताया कि एसडीआरएफ को ड्रोन, सैटेलाइट मॉनिटरिंग और रेस्क्यू गियर उपलब्ध कराए गए हैं। ‘आपदा मित्र’ योजना से गांव-गांव में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सड़क-पुल निर्माण में डिजास्टर रेजिलिएंट तकनीक अनिवार्य है। “स्कूल-कॉलेजों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शामिल कर नई पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। समारोह में नकल विरोधी कानून लागू करने पर छात्रों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन तथा संयोजक हनी पाठक उपस्थित रहे।