देहरादून।
उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं एवं सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और मेरिट को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजस्व परिषद में चयनित सहायक समीक्षा अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। सीएम ने नव नियुक्त अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी नौकरी को जनसेवा का माध्यम बनाएं, ताकि शासन-प्रशासन में ईमानदारी और सेवा भाव बना रहे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते चार वर्षों में राज्य सरकार ने 26,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया है। उनका यह भी कहना था कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया अब एक अभियान की तरह लगातार चलती रहेगी और इसमें पारदर्शिता व निष्पक्षता सबसे पहले होगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हरिद्वार परीक्षा में हुए एक प्रकरण में राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर एसआईटी बनाई, परीक्षा को निरस्त किया और मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की गई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी परीक्षा या भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार को कोई स्थान नहीं मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव एसएन पांडेय, अपर सचिव रंजना राजगुरु व वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। सीएम धामी का यह संदेश स्पष्ट था—उत्तराखंड में सरकारी नौकरी और भर्ती हर पात्र उम्मीदवार को निष्पक्ष, पारदर्शी और मेरिट आधारित मिलेगी।



