नई दिल्ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में भाग लिया। उन्होंने उद्यमियों और औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि PHD चैंबर ने पिछले 120 वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में अतुलनीय योगदान दिया है।
भारत की वैश्विक भूमिका पर चर्चा
धामी ने कहा कि यह सत्र “भारत की विश्वसनीय वैश्विक साझेदार के रूप में उभरती भूमिका” और उत्तराखंड के योगदान पर विचार-विमर्श का मंच है। उन्होंने बताया कि उद्योग रोजगार सृजन के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उद्योगपतियों, उद्यमियों और नीति-निर्माताओं का यह समागम केवल उद्योग जगत तक सीमित नहीं, बल्कि यह भारत की आर्थिक शक्ति, सांस्कृतिक चेतना और वैश्विक नेतृत्व की नई संभावनाओं को खोलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म” के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे भारत में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय में व्यापक बदलाव आया।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलें देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। भारत आज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जहां स्टार्टअप्स वैश्विक नवाचार में अपनी पहचान बना रहे हैं। डिजिटल इंडिया ने तकनीक को आम नागरिक तक पहुंचाया, और आत्मनिर्भर भारत ने उत्पादन व विनिर्माण का हब बनने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने उदाहरण दिया कि आज छोटे दुकानदार भी UPI से भुगतान कर रहे हैं, और 55 करोड़ से अधिक लोग बैंकिंग से जुड़े हैं। कृषि, रक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा, विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत आत्मनिर्भरता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
धामी ने कहा कि भारत आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। पहले भारत को केवल उपभोक्ता बाजार के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह निर्यात, विनिर्माण और तकनीकी विकास में वैश्विक साझेदार बन रहा है। कुछ देश भारत की बढ़ती शक्ति से घबराकर इसके कदम रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उद्योग जगत का संकल्प इसे बाधित नहीं होने देगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने हाल के दौरे में कहा कि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और वैश्विक निवेश के लिए भरोसेमंद गंतव्य है।
उत्तराखंड में निवेश को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘स्वदेशी अपनाओ’ मंत्र और नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों से स्थानीय उद्योगों को नई ऊर्जा मिल रही है। उत्तराखंड में 2023 के ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों में से 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव लागू हो चुके हैं। सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम, औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और MSME नीति सहित 30 से अधिक नीतियों के जरिए निवेशक-अनुकूल माहौल बनाया। मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, 60 करोड़ रुपये का यू-हब, 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड और यूके-स्पाइस निवेश प्रोत्साहन एजेंसी भी शुरू की गई हैं।
औद्योगिक ढांचे का विकास
धामी ने बताया कि काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर और पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किए गए हैं। रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में प्लग एंड प्ले मॉडल पर फ्लैटेड फैक्ट्रियां बन रही हैं। किच्छा में 1,000 एकड़ की स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और रेंट-बेस्ड आवास सुविधाएं विकसित हो रही हैं। “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड से जैविक उत्पादों को जीआई टैगिंग के जरिए वैश्विक पहचान दी जा रही है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से 10,000 से अधिक उद्यमियों को लाभ मिला, और 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उपलब्धि
इन प्रयासों से उत्तराखंड को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में “एचीवर्स” और स्टार्टअप रैंकिंग में “लीडर्स” की श्रेणी मिली है। पारदर्शिता से उद्यमियों को योजनाओं की स्वीकृति, जमीन आवंटन और लाइसेंस में आसानी हुई है।
विश्व आपदा शिखर सम्मेलन
धामी ने बताया कि देहरादून में 28-30 नवंबर 2025 को आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSDM) होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन और नवाचार पर वैश्विक चर्चा होगी। PHDCCI अध्यक्ष हेमंत जैन, उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता, राजीव जुनेजा, पूर्व अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, यूकास्ट महानिदेशक दुर्गेश पंत और कई उद्योगपति मौजूद रहे।