चमोली जनपद के ज्योतिर्मठ ब्लॉक स्थित डुमक गांव में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब 42 वर्षीय किसान सुंदर सिंह ने अपनी पत्नी लीला देवी को भालू के हमले से बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी.
ग्राम प्रधान यमुना देवी के अनुसार, सुबह लगभग सात बजे दंपती जंगल में मवेशियों के लिए घास काटने गए थे, तभी झाड़ियों में छिपे भालू ने लीला पर हमला कर दिया. पत्नी को बचाने के लिए सुंदर सिंह आगे बढ़े और भालू से भिड़ गए, लेकिन संघर्ष के दौरान भालू ने उन्हें चट्टान से नीचे फेंक दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
लीला की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने शोर मचाकर भालू को भगाया, जिसके बाद उन्होंने घायल लीला देवी को किसी तरह गांव पहुंचाया. प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें एयर एम्बुलेंस से ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
गांव से सड़क की दूरी लगभग सात किलोमीटर है और चिकित्सा सुविधाएं सीमित हैं, जिसके कारण ग्रामीणों को प्रशासन से मदद मांगनी पड़ी. बताया गया कि सुंदर सिंह और लीला देवी दो बच्चों के माता-पिता हैं — उनका 12 वर्षीय बेटा और 11 वर्षीय बेटी गोपेश्वर में पढ़ाई कर रहे हैं.
भालू के बढ़ते हमलों से स्थानीय लोग भयभीत हैं। पिछले कुछ हफ्तों में चमोली और आसपास के इलाकों में जंगली जानवरों के लगातार हमले दर्ज किए गए हैं. वन विभाग ने घटना के बाद क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और राठ क्षेत्र सहित आसपास के गांवों में निगरानी टीमों को तैनात किया गया है.
ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से अनुरोध किया है कि भालू की लगातार बढ़ती गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं.



