राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” का भव्य शुभारंभ किया। समारोह की शुरुआत प्रदेश की विभिन्न आपदाओं में जान गंवाने वालों के प्रति एक मिनट मौन श्रद्धांजलि से हुई। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों को देवभूमि का ब्रांड एम्बेसडर बताया और कहा कि प्रवासी जहां भी रहते हैं, अपनी मिट्टी और संस्कृति की पहचान के साथ विश्वपटल पर राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं। राज्य सरकार ने प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन भी इसी दृष्टि से किया है, ताकि उनकी भागीदारी और सुझाव राज्य के सतत विकास में सीधे जुड़ सकें।
धामी ने इंगित किया कि प्रवासी उत्तराखंडी न केवल संस्कृति के संवाहक, बल्कि अपने गांवों को गोद लेकर विकास की मुख्यधारा में भी भागीदार हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पर्यटन, खेल, पेयजल, मिलेट मिशन, नई पर्यटन नीति, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार जैसी योजनाओं के ज़रिए राज्य की अर्थव्यवस्था व नागरिक भागीदारी नई ऊंचाई पर पहुँच रही है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की SDG रैंकिंग, “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “स्टार्टअप रैंकिंग” में उत्तराखंड की उपलब्धियां गिनाईं — साथ ही नकल विरोधी कानून, पात्र युवाओं को सरकारी सेवा और भ्रष्टाचार पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की उपलब्धि साझा की।
सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, विधायक विनोद चमोली, दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, फिल्म अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत और कपड़ा मंत्रालय के निदेशक पूर्णेश गुरूरानी ने भी हिस्सा लिया और उत्तराखंड की विविधता, मेहनत, संस्कृति, आत्मनिर्भरता व विकास योजनाओं पर अपने विचार रखे। प्रवासी उत्तराखंडियों ने राज्य के विकास के लिए टेक्सटाइल पार्क, फैशन डिज़ाइनिंग सेंटर जैसी संभावनाएँ सुझाईं।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सूबे की शिक्षा, पर्यटन, हरित ऊर्जा, औद्योगिक विकास और स्वास्थ्य में निरंतर प्रगति पर प्रकाश डाला। सरकार की पारदर्शी नीति, जीडीपी में वृद्धि और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी दी। 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन और ‘खेल भूमि’ के रूप में पहचान को भी रेखांकित किया गया।
सम्मेलन में राज्य के प्रमुख सचिव, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, सचिवगण, विधायक किशोर उपाध्याय समेत देशभर और विदेश से आए सैकड़ों प्रवासी उत्तराखंडी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से राज्य के विकास अभियान में सक्रिय भागीदारी का आव्हान किया और कहा कि स्वर्ण जयंती तक हर युवा को रोजगार, विकास और सम्मान दिलाने का लक्ष्य लेकर सरकार आगे बढ़ रही है।
2025 – प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन: दून यूनिवर्सिटी आयोजन का सारांश
| बिंदु | मुख्य वक्तव्य/घोषणा | उपलब्धि/योजना | सुझाव/भागीदारी |
|---|---|---|---|
| सम्मेलन उद्घाटन | मुख्यमंत्री धामी—संस्कृति, विकास पर ज़ोर | SDG रैंकिंग, नकल विरोधी कानून | प्रवासी परिषद, गाँव गोद योजना |
| विशिष्ट अतिथि | कोश्यारी, हिमानी शिवपुरी, सुधांश पंत, गुरूरानी | खुद की प्रतिभा एवं कड़ी मेहनत | टेक्सटाइल पार्क, फैशन सेंटर, जागरूकता |
| अनेक सरकारी योजनाएँ | शिक्षा, स्वास्थ्य, टूरिज्म, मिलेट मिशन, खेल | पारदर्शिता, जीडीपी वृद्धि | युवा-सम्मान, रोजगार, संस्कृति |
दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन 2025 ने न केवल राज्य की सांस्कृतिक शक्ति को वैश्विक स्तर पर रेखांकित किया, बल्कि सरकार की पारदर्शी नीतियों, प्रवासी भागीदारी, नये अवसरों और ‘विकास भी, विरासत भी’ की सोच को भी ताकत दी। सम्मेलन में दिए गए सुझाव, संवाद और योजनाएँ आने वाले समय में उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के वाहक बनेंगे।



