हरिद्वार।
हरिद्वार में आयोजित पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और भारतीय संस्कृति की महान धारा पर अपने विचार रखे। राष्ट्रपति ने 1424 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कीं और गर्व जताया कि इनमें 64 प्रतिशत बेटियाँ हैं, जबकि पदक विजेता छात्राओं की संख्या छात्रों से चार गुना अधिक रही। विश्वविद्यालय में कुल विद्यार्थियों में भी बेटियों की भागीदारी 62 प्रतिशत है—जो विकसित भारत में महिलाओं के नेतृत्व और सफलता का प्रमाण है।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए 2047 तक बेटों और बेटियों दोनों का समान योगदान जरूरी है। अगर समाज का आधा हिस्सा पीछे रह जायेगा तो विकसित भारत का सपना अधूरा रह जाएगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महान परंपराओं का उल्लेख करते हुए गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, लोपामुद्रा जैसी विदुषी महिलाओं की बौद्धिक व आध्यात्मिक विरासत को आधुनिकता से जोड़ते हुए बेटियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता के स्वाध्याय, तप, आर्जव मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी, और कहा कि उपाधि के बाद भी अध्ययन, सत्यता व सरलता जीवन में बनाए रखें।
LIVE: आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की गरिमामयी उपस्थिति में पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार के द्वितीय दीक्षांत समारोह में संबोधन https://t.co/ikcKyHrghi
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 2, 2025
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने विश्वविद्यालय द्वारा योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में किए गए योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई शिक्षा नीति लागू कर युवाओं को शोध, नवीकरण और AI क्षेत्र में आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव और कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।
2025 – पतंजलि दीक्षा समारोह हरिद्वार के मुख्य आँकड़े
| क्षेत्र/कार्रवाई | प्रमुख उपलब्धि | महिला भागीदारी | विचार/संदेश | विशिष्ट अतिथि |
|---|---|---|---|---|
| उपाधि वितरण | 1424 | 64% बेटियाँ | स्वाध्याय, तप, आर्जव | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु |
| पदक वितरण | छात्राओं की संख्या चार गुना | 62% कुल बच्चों में | भारतीय संस्कृति, नेतृत्व | राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि |
| विश्वविद्यालय की उपलब्धि | योग, आयुर्वेद, संस्कार | नवाचार, AI, शोध कार्य | शिक्षा में उत्कृष्टता | स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण |
पतंजलि विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह न केवल शिक्षा और अनुसंधान का पर्व बना, बल्कि महिलाओं की भागीदारी, आगे बढ़ने की प्रेरणा और आयुर्वेद-योग के क्षेत्र में उत्तराखंड की अग्रणी भूमिका को भी दर्शाता है। महिला नेतृत्व, संस्कृति और नवीकरण के संदेश के साथ विकसित भारत के निर्माण की दिशा को राष्ट्रपति मुर्मु ने नई ऊर्जा दी है।



