देवप्रयाग।
रोटरी क्लब श्रीनगर (Rotary Club Srinagar) के वरिष्ठ सदस्य एस.पी. घिल्डियाल (SP Ghildiyal) को उनकी निःस्वार्थ समाजसेवा के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर (Central Sanskrit University Shri Raghunath Kirti Campus) ने सम्मानित किया।
हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह में घिल्डियाल ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की सहायता के लिए 48 हजार रुपये का चेक परिसर को सौंपा। इस अवसर पर उनकी सामाजिक सेवा की सराहना की गई।
सम्मान समारोह और दान | Honor Ceremony and Donation
परिसर की सह-निदेशिका प्रो. चंद्रकला आर.कोंडी (Prof. Chandrakala R. Kondi), सह-संयोजक डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्तवाल (Dr. Virendra Singh Bartwal), और डॉ. ब्रह्मानंद मिश्रा (Dr. Brahmanand Mishra) ने घिल्डियाल को स्मृति चिह्न और शाल भेंटकर सम्मानित किया। रोटरी क्लब श्रीनगर ने हर वर्ष की तरह इस बार भी जरूरतमंद छात्रों के लिए शुल्क प्रबंध किया, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की परंपरा को बल मिलेगा।
घिल्डियाल का बयान | Statement by SP Ghildiyal
वरिष्ठ रोटेरियन एस.पी. घिल्डियाल ने कहा, “हमारा प्रयास है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित न हो। यह सेवा कार्य भविष्य में भी इसी भावना से जारी रहेगा। यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है।”
परिसर निदेशक की सराहना | Appreciation by Campus Director
परिसर निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम् (Prof. PVB Subrahmanyam) ने कहा कि रोटरी क्लब का यह सहयोग प्रेरणादायी है। घिल्डियाल जैसे संवेदनशील व्यक्तियों के योगदान से समाज में अभावग्रस्त लोगों की राह आसान होती है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति | Key Attendees
- श्रीनगर नगर निगम मेयर: आरती भंडारी (Aarti Bhandari)
- ब्लॉक प्रमुख देवप्रयाग: विनोद बिष्ट (Vinod Bisht)
- नगर पंचायत घनसाली अध्यक्ष: आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht)
- रोटेरियन: जे.पी. रतूड़ी (JP Raturi), संजय रावत (Sanjay Rawat, क्लब सचिव), खिलेंद्र चौधरी (Khilendra Chaudhary), डॉ. हरीश भट्ट (Dr. Harish Bhatt), भानु प्रताप सिंह पंवार (Bhanu Pratap Singh Panwar)
- कार्यक्रम संयोजक: डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्तवाल (Dr. Virendra Singh Bartwal)
शिक्षा और सेवा का संगम | Confluence of Education and Service
एस.पी. घिल्डियाल (SP Ghildiyal) का योगदान और रोटरी क्लब श्रीनगर की पहल जरूरतमंद छात्रों के लिए प्रेरणादायी है। यह प्रयास शिक्षा सहयोग की परंपरा को मजबूत करता है।