बैजरो/बीरोंखाल।
बीरोंखाल विकासखंड के ग्राम केदारगली और खेतु में शुक्रवार को स्कूली बच्चों की जान बाल-बाल बची। ग्रामीणों ने बताया कि घोड़ियानाखाल स्कूल जा रहे बच्चे रास्ते में गुलदार से घिर गए। बच्चों के शोर मचाने पर भी जब गुलदार नहीं हटा, तो ग्रामीणों ने पहुंचकर उसे खदेड़ा। ग्रामीणों ने गुलदार के आसपास छिपे होने की आशंका जताते हुए वन कर्मियों से गश्त बढ़ाने और जानमाल की सुरक्षा की मांग की।
पसौला में भेड़ों पर हमला
बीरोंखाल के अंतर्गत पसौला गांव में शुक्रवार दोपहर गुलदार ने हमला कर दो भेड़ों को मार डाला। आनंद सिंह रावत ने बताया कि वह अपनी भेड़-बकरियों को चरा रहे थे, जब गुलदार ने अचानक हमला किया। दो भेड़ें मार डालीं, और एक को जंगल की ओर खींच ले गया। सूचना पर वन कर्मी पहुंचे और शव का पंचनामा कर मुआवजा दिलाने की कार्रवाई शुरू की।
गुलदार आतंक से दहशत
गुलदार के बढ़ते हमलों से पशुपालक और ग्रामीण दहशत में हैं। दो दिन पहले सिमखेत में गुलदार ने दिनदहाड़े नरेश चंद्र के खच्चर को मार डाला था। बीरोंखाल के गांवों में गुलदार का साया मंडरा रहा है।
उपवास और प्रदर्शन
चौबट्टाखाल तहसील परिसर में एकेश्वर और पोखड़ा ब्लॉक के प्रभावित गांवों के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने शुक्रवार को उपवास रखा। गुलदार के हमलों के विरोध में शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गुलदार के आतंक से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, महिलाएं चारा लेने खेतों में नहीं उतर रही।
ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित है। उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। उपवास में एसएस रावत, महेंद्र सिंह रावत, प्रदीप रावत, राकेश भंडारी, लक्ष्मण, जितेंद्र दर्शन, जगत सिंह, संतोष, यशपाल आदि शामिल रहे।