देहरादून।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी संकल्प के तहत उत्तराखंड में युवा आपदा मित्र योजना का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया। इस योजना से राज्य के 4310 युवाओं को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित बनाया जाएगा। योजना के तहत एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट एंड गाइड्स के स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हरिद्वार में प्रशिक्षण शिविर का आगाज
हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 50 एनसीसी कैडेट्स का सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। शिविर का उद्घाटन एनसीसी रुड़की ब्रिगेड के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर प्रभात भंडारी ने किया। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह योजना उत्तराखंड के 11 पर्वतीय जनपदों में लागू हो रही है। योजना में एनसीसी के 1700, भारत स्काउट एंड गाइड्स के 910, एनएसएस और नेहरू युवा केंद्र के 850 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और महत्व
सुमन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दूरदर्शी कदम उत्तराखंड के युवाओं को आपदा प्रबंधन में सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है। योजना राज्य की आपदा तैयारी को मजबूत करेगी और समाज में जागरूकता व तत्परता की नई संस्कृति विकसित करेगी। उत्तराखंड भौगोलिक रूप से संवेदनशील राज्य है, जहां भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना और वनाग्नि जैसी आपदाएं चुनौतियां पैदा करती हैं। प्रशिक्षित युवा आपदा मित्रों की मौजूदगी से इनका प्रभाव कम किया जा सकता है। यह योजना युवाओं को न केवल कौशल प्रदान करेगी, बल्कि सेवा भावना, नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना भी जगाएगी।
शिविर में प्रशिक्षण का स्वरूप
ब्रिगेडियर प्रभात भंडारी ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीसी राष्ट्र निर्माण में हमेशा अग्रणी रही है। यह प्रशिक्षण कैडेट्स को आपदा के समय प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले दक्ष स्वयंसेवक बनाएगा। सात दिवसीय शिविर में तकनीकी दक्षता के साथ-साथ मानव सेवा की भावना को मजबूत किया जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने डिजास्टर मैनेजमेंट, आपदा प्रबंधन अधिनियम और आपदा मित्रों की भूमिका पर जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल ने आपदा पूर्व तैयारियों पर सत्र चलाया। कर्नल गौरव प्रसाद नौगाई उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण के विषय और सुविधाएं
स्वयंसेवकों को आपदा पूर्व तैयारी, भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, सूखा, हीट वेव से बचाव, खोज एवं बचाव, भार उठाना, समुदाय आधारित स्वास्थ्य, प्राथमिक चिकित्सा, प्रारंभिक जीवन सहायता तथा रासायनिक, जैविक और रेडियोलॉजिकल आपात स्थितियों में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, आपदा प्रबंधन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी जानकारी होगी।
बीमा और किट का प्रावधान
प्रत्येक स्वयंसेवक को इमरजेंसी रिस्पांस किट दी जाएगी, जिसमें फर्स्ट एड किट, गम बूट, सेफ्टी गॉगल्स, सेफ्टी हेलमेट, मल्टी परपज रोप, ट्रेक सूट, सुरक्षात्मक दस्ताने, पर्सनल फ्लोटेशन डिवाइस सहित 15 उपकरण शामिल हैं। तीन वर्ष के लिए पांच लाख रुपये का बीमा भी होगा। आपदा प्रबंधन हस्तपुस्तिका भी प्रदान की जा रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर योजना
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की युवा आपदा मित्र योजना के तहत 2024 में 2.37 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 1,300 मास्टर ट्रेनर शामिल हैं। उत्तराखंड में 11 पर्वतीय जिलों में यह योजना लागू हो रही है।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने कहा कि सभी स्वयंसेवकों को ईआर किट और बीमा की सुविधा मिलेगी, जो उन्हें आपदा के समय सक्षम बनाएगी।