देहरादून।
उत्तराखंड के लोक निर्माण, पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में आईएचएम गढ़ी कैंट में वन भूमि के कारण विकास कार्यों में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए लोक निर्माण, सिंचाई, पर्यटन, पीएमजीएसवाई एवं वन विभाग की “समन्वय समिति” की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में विभागीय अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रदेश विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सभी बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए गए। विशेष रूप से वन संरक्षण अधिनियम के कारण उत्पन्न रुकावटों को शीघ्र समाप्त करने पर बल दिया गया।
वन भूमि से रुके प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी
मंत्री सतपाल महाराज ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों के समरेखण (एलाइनमेंट) में भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्रों से बचने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर भूस्खलन का खतरा सबसे कम हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। जनपद पौड़ी के कुण्जखाल-कोलाखाल से गौखण्ड-रिकडेरा-पाटल्यूं मोटर मार्ग सहित छह मोटर मार्गों, जो वन भूमि के कारण रुके हुए हैं, की वन विभाग से तत्काल स्वीकृति सुनिश्चित करने को कहा।
देहरादून (पुरुकुल गांव) से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक प्रस्तावित रोपवे परियोजना के लिए लोअर टर्मिनल पॉइंट के ऊपर वैकल्पिक मार्ग निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग का भूमि हस्तांतरण प्रस्ताव वन विभाग को तुरंत स्वीकृत करने के आदेश दिए। जागेश्वर धाम को डेस्टिनेशन प्लान के तहत विकसित करने के लिए आरतोला में अपर एवं लोअर लेवल पार्किंग, बसेरा, शॉप, चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग गेट निर्माण हेतु चिन्हित सिविल भूमि को वन पंचायत से शीघ्र मुक्त करने का निर्देश दिया।
पर्यटन व सिंचाई प्रोजेक्ट्स को गति:
जनपद उत्तरकाशी के सीमांत ग्राम जादूंग को पर्यटक ग्राम के प्रवेश द्वार एवं चेक पोस्ट के रूप में विकसित करने के लिए भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई तत्काल अमल में लाने को कहा। जनपद नैनीताल में निर्माणाधीन जमरानी बांध से पोषित हरिपुरा नहर के समरेखण में आने वाले वृक्षों के पातन की अनुमति पर वन विभाग से जानकारी मांगी, ताकि उधम सिंह नगर को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो सके। नहर का निर्माण वन अधिनियम 1980 लागू होने से पूर्व 1977-78 में हुआ था।
पर्यटन विभाग को महासू देवता मंदिर, हनोल गंतव्य मास्टर प्लान के अंतर्गत रिवर फ्रंट, सुरक्षा दीवार एवं घाट निर्माण हेतु सिंचाई विभाग को डीपीआर तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जनपद पौड़ी के ऐकेश्वर ब्लॉक के ग्राम कुंलडीधार में बाघ हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को अधिक से अधिक पिंजरे लगाने के आदेश भी जारी किए।
समन्वय से विकास की रफ्तार तेज:
मंत्री महाराज ने कहा कि वन संरक्षण के साथ विकास को संतुलित रखना आवश्यक है। पीएम मोदी और सीएम धामी के एजेंडे को लागू करने के लिए सभी विभागों का समन्वय जरूरी है। बैठक में पीसीएफ एवं नोडल एस.पी. सुबुद्धि, सीसीएफ इको टूरिज्म पी.के. पात्रो, लोनिवि के अपर सचिव विनीत कुमार एवं बी.एल. राणा सहित लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई एवं वन विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।यह बैठक उत्तराखंड में पर्यटन, सिंचाई और सड़क विकास को नई गति देगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों का कायाकल्प होगा।