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देहरादून: पेपर लीक पर कांग्रेस का सीएम आवास घेराव, धामी बोले- पहले सीबीआई जांच पर राय स्पष्ट करें

देहरादून।

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को राजधानी की सड़कों पर उतरकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का प्रयास किया। “पेपर चोर गद्दी छोड़” के नारे लगाते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता हाथी बड़कला पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन पुलिस बैरिकेडिंग ने उन्हें रोक दिया। सड़क पर धरना देकर नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सीबीआई जांच के दायरे को बढ़ाने की मांग की।

पेपर लीक विवाद: कांग्रेस की मांगें

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान पेपर लीक की जांच को सीमित रखकर सरकार पूर्व भर्तियों के घोटालों को छिपा रही है। उनकी प्रमुख मांगें हैं- यूकेएसएसएससी के माध्यम से शिक्षा व सहकारिता विभाग की पुरानी भर्तियों की भी सीबीआई जांच, हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच, वर्तमान परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजन तथा आयोग अध्यक्ष का इस्तीफा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, “सरकार छात्रों के साथ धोखा कर रही है।

भाजपा सीबीआई जांच का नाम लेकर युवाओं को बेवकूफ बना रही है।”21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी परीक्षा का पेपर लीक होने पर बेरोजगार युवाओं ने राज्यव्यापी आंदोलन किया था, लेकिन तब कांग्रेस ने छात्र आंदोलन से दूरी बनाए रखी। अब 15 दिन बाद पार्टी ने अचानक सक्रियता दिखाई है। प्रदर्शन में पूर्व सीएम हरीश रावत, विधायक प्रीतम सिंह, गणेश गोदयाल, सूर्यकांत धस्माना, रणजीत सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, वीरेंद्र सिंह रावत, राजीव महर्षि, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।

सीएम धामी का पलटवार: कांग्रेस पर चुटकी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। पहले वे स्पष्ट करें कि सीबीआई जांच से खुश हैं या नहीं। छात्रों के हित में जो करना है, हम कर लेंगे। कांग्रेस नेताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं।” भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोला, “कांग्रेस हमेशा दूसरों की कढ़ाई में पकौड़े तलने की कोशिश करती है। युवाओं की मांग पर सीएम धामी ने तुरंत सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिससे आंदोलन शांत हो गया। लेकिन कांग्रेस को यह हजम नहीं हो रहा। उन्हें अपने कार्यकाल के भर्ती घोटालों पर प्रायश्चित करना चाहिए।

“युवा आंदोलन: कांग्रेस का ‘देर से जागना’?

पेपर लीक से प्रभावित युवा छात्रों का आंदोलन 21 सितंबर को चरम पर था, जिसमें सीबीआई जांच की मांग प्रमुख थी। सरकार ने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए जांच की सिफारिश की, लेकिन कांग्रेस अब पुरानी भर्तियों को जोड़कर विवाद खींच रही है। विपक्ष पर आरोप है कि वे राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का शोषण कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का असली मकसद राज्य को अस्थिर करना है, न कि युवाओं का हित।यह प्रदर्शन उत्तराखंड में बेरोजगारी व भर्ती प्रक्रिया पर सियासत को और गहरा सकता है। सरकार ने जांच को गति देने का आश्वासन दिया है, जबकि विपक्ष सड़क से दबाव बनाने पर तुला है।

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