ऋषिकेश।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एआईएमएस ऋषिकेश में आयोजित हिंदी पखवाड़े के समापन AIIMS Rishikesh Hindi Pakhwada Samapan अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया जहां कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रभारी कार्यकारी निदेशक प्रो. जया चतुर्वेदी ने विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और दैनिक उपयोग में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात कही जबकि राजभाषा विभाग की ओर से पखवाड़े का विधिवत समापन हो गया।
इस समापन कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न विभागों के हिंदी रचनाकारों ने स्वरचित काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं तथा हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित निबंध, टंकण, वाद-विवाद, हस्ताक्षर तथा काव्य पाठ जैसी प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि प्रो. जया चतुर्वेदी ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया साथ ही वर्षभर हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी उत्कृष्ट कार्य पुरस्कार से नवाजा गया।
उल्लेखनीय है कि एआईएमएस ऋषिकेश में इस वर्ष 15 सितंबर को हिंदी पखवाड़े की शुरुआत की गई थी जो सितंबर 2025 के हिंदी माह के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया जहां पखवाड़े भर विभिन्न कार्य दिवसों पर हिंदी भाषा से संबंधित कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपेक्षा की गई कि वे आधिकारिक कार्यों में हिंदी का अधिक उपयोग करें।
प्रो. जया चतुर्वेदी ने राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी कर्मचारियों से सरकारी कामकाज में हिंदी के अधिक से अधिक प्रयोग का आह्वान किया और कहा कि हिंदी हमारे देश की सर्वमान्य भाषा है जो हम सभी को आपस में जोड़ना सिखाती है जबकि प्रभारी अधिकारी राजभाषा डॉ. मुकेश पाल ने हिंदी के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला तथा हिंदी को राजभाषा के रूप में क्रियान्वित करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में हिंदी सप्ताह आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर रश्मि मल्होत्रा, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य प्रो. स्मृति अरोड़ा, रक्ताधान चिकित्सा विभाग के सह आचार्य डॉ. आशीष जैन, अतिथि परीक्षक भाषाविद् डॉ. नरेश मोहन, उप-प्रबंधक राजभाषा टीएचडीसी पंकज कुमार शर्मा सहित एआईएमएस के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रवि कुमार, वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष व सूचना अधिकारी श्री संदीप कुमार सिंह, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, हिंदी अनुभाग के वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी शशि यादव, विजय कुमार कादयान, नीरज कुमार वर्मा तथा सुश्री स्वाति कैंतुरा सहित कई अन्य उपस्थित रहे।
एआईएमएस ऋषिकेश हिंदी पखवाड़ा समापन का महत्व: भाषा संरक्षण और सांस्कृतिक एकता
यह आयोजन उत्तराखंड में हिंदी माह 2025 के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया जहां संस्थान ने सितंबर 1 से 30 तक हिंदी माह का उत्सव मनाया तथा सभी कर्मचारियों को हिंदी में आधिकारिक कार्य करने का निर्देश दिया गया जबकि विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से कर्मचारियों में हिंदी के प्रति रुचि जगाई गई।
प्रो. चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि हिंदी न केवल संचार का माध्यम है बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है तथा सरकारी कार्यालयों में इसका उपयोग बढ़ाने से भाषा का संरक्षण होगा।उत्तराखंड राजभाषा विभाग प्रयास: प्रतियोगिताओं और पुरस्कार वितरणहिंदी पखवाड़े में आयोजित प्रतियोगिताओं ने संस्थान के कर्मचारियों को सक्रिय बनाया जहां निबंध लेखन से लेकर काव्य पाठ तक विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया गया तथा विजेताओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया जबकि वर्षभर के उत्कृष्ट हिंदी कार्यों को मान्यता दी गई।
डॉ. मुकेश पाल ने हिंदी के ऐतिहासिक विकास पर व्याख्यान दिया तथा राजभाषा नीति के अनुपालन पर बल दिया।
हिंदी माह 2025: संस्थागत प्रतिबद्धताए
आईएमएस ऋषिकेश का यह आयोजन हिंदी को जीवंत रखने की दिशा में एक कदम है जहां भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे तथा कर्मचारियों को हिंदी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जबकि सितंबर 2025 को हिंदी माह के रूप में मनाने से भाषा के प्रचार-प्रसार में सहायता मिली। कार्यक्रम ने सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत किया तथा हिंदी के दैनिक उपयोग को प्रोत्साहित किया।