उत्तराखंड

महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की नई पहल: देहरादून में मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता शिविर

महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की नई पहल: देहरादून में मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता शिविर

देहरादून

ह्यूमंस फॉर ह्यूमैनिटी (Humans for Humanity) और गुरु नानक कॉलेज ने मिलकर देहरादून में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और स्वास्थ्य जागरूकता (Health Awareness) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 26 अगस्त को नारी निकेतन और 28 अगस्त को बिहारी बस्ती, हेलीपैड क्षेत्र में मासिक धर्म स्वच्छता (Menstrual Hygiene) और स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों का मकसद महिलाओं और किशोरियों को स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और मासिक धर्म से जुड़े मिथकों (Menstrual Myths) को दूर करना था।

महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और जागरूकता (Health Awareness)

इन शिविरों का उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता (Menstrual Hygiene) और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना था। शिविरों में सामान्य स्वास्थ्य जांच, बीपी और शुगर टेस्ट (BP and Sugar Tests), मुफ्त दवाइयां, आहार संबंधी सलाह, और मुफ्त सेनेटरी पैड (Sanitary Pads) वितरित किए गए। खास तौर पर किशोरियों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिसमें उन्हें मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व और इससे जुड़ी गलत धारणाओं को समझाया गया।

युवाओं की सक्रिय भागीदारी (Youth Participation)

गुरु नानक कॉलेज के विद्यार्थियों ने इस पहल में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। उन्होंने ह्यूमंस फॉर ह्यूमैनिटी की टीम के साथ मिलकर महिलाओं को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सक्रिय भागीदारी ने शिविर को जीवंत बनाया और यह दिखाया कि युवा पीढ़ी सामाजिक परिवर्तन (Social Change) के लिए गंभीर है।

मासिक धर्म पर खुलकर बात (Menstrual Hygiene Awareness)

ह्यूमंस फॉर ह्यूमैनिटी के संस्थापक अनुराग चौहान ने शिविर में हिस्सा लिया और महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “मासिक धर्म (Menstrual Cycle) कोई समस्या नहीं है, बल्कि इस पर चुप्पी समस्या है। खुलकर बात करने से ही समाधान संभव है।” पुरस्कार विजेता अनुराग ने महिलाओं को आत्मसम्मान (Self-Respect) और स्वावलंबन (Self-Reliance) की ओर प्रेरित किया।

महिलाओं की बदलती सोच (Women’s Mindset Change)

बिहारी बस्ती में घरेलू कामगार महिलाएं, दिहाड़ी मजदूर, और उनकी बेटियां शामिल हुईं। नारी निकेतन की महिलाओं के लिए यह शिविर नई उम्मीद लेकर आया। कई महिलाओं ने पहली बार अपने सवाल खुले तौर पर पूछे। एक प्रतिभागी ने कहा, “आज हमें लगा कि कोई हमारी बात सुन रहा है। हमें समझाया गया कि चुप्पी ही सबसे बड़ी बाधा है।”

आत्मनिर्भरता पर जोर (Self-Reliance)

शिविर का मुख्य उद्देश्य सिर्फ सहायता प्रदान करना नहीं था, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर (Self-Reliant) और जागरूक बनाना था। ह्यूमंस फॉर ह्यूमैनिटी का लक्ष्य हमेशा लोगों को बेहतर अवसर देकर उनके जीवन को सशक्त बनाना रहा है।

स्वास्थ्य जांच और सुविधाएं (Health Checkup Services)

शिविरों में दी गई सुविधाओं और सेवाओं की जानकारी नीचे तालिका में दी गई है:

सुविधाविवरण
स्वास्थ्य जांचसामान्य स्वास्थ्य जांच, बीपी, शुगर टेस्ट
दवाइयांमुफ्त दवाइयों का वितरण
सेनेटरी पैडमुफ्त सेनेटरी पैड वितरण
सलाहआहार और मासिक धर्म स्वच्छता पर सलाह

सामाजिक बदलाव की मिसाल (Social Change Example)

यह संयुक्त प्रयास न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता (Health and Hygiene) को बढ़ावा देने में सफल रहा, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास (Self-Confidence) को भी नई ताकत दी। देहरादून में आयोजित यह शिविर सामाजिक बदलाव (Social Change) की एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है।

ह्यूमंस फॉर ह्यूमैनिटी और गुरु नानक कॉलेज की यह पहल महिलाओं को न केवल स्वस्थ रखने की दिशा में एक कदम है, बल्कि समाज में जागरूकता और सशक्तिकरण (Women Empowerment) की नई शुरुआत भी है। The initiative underscores the importance of menstrual hygiene and women’s health in fostering a more equitable and empowered society.

Shares: