देहरादून: हाल ही में देहरादून में हुई आयकर विभाग की रेड पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने केंद्र और राज्य सरकार पर पक्षपात और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। दसौनी ने कहा कि प्रदेश में दोहरे मापदंड नहीं चल सकते। उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन किसी भी नेता या पदाधिकारी के घर पर ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग की रेड नहीं पड़ी है।
दसौनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोप हैं, उद्यान घोटाले की जांच में सीबीआई ने करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा किया और सैन्य धाम निर्माण में भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है, लेकिन जोशी पर कोई जांच नहीं हुई।
इसके अलावा, देहरादून के पूर्व महापौर सुनील उनियाल गामा पर मेयर रहते हुए अपनी संपत्ति में बीस गुना बढ़ोतरी करने का आरोप है, फिर भी कोई जांच नहीं हुई।
दसौनी ने यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेणु बिष्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सबूत मिटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग किया गया, जिसे सार्वजनिक रूप से देखा गया, फिर भी रेणु बिष्ट को कोई नुकसान नहीं हुआ।
गरिमा मेहरा दसौनी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस गलत को सही नहीं ठहरा रही है, लेकिन उनका मत है कि अगर किसी ने गैरकानूनी तरीके से धन कमाया है या कानून का उल्लंघन किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के लिए मानक एक होने चाहिए। उन्होंने भाजपा को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात करने वाला दल कहकर चुनौती दी कि कम से कम ‘वन नेशन वन रूल्स एंड रेगुलेशन’ तो लागू करें।
दसौनी ने इस रेड की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया, कहा कि चुनाव के समय विपक्षी दल के नेताओं को दबाने की कोशिश की जाती है ताकि उन्हें बदनाम कर और दुष्प्रचार कर सत्ता बरकरार रखी जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारें ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का मनमाना उपयोग कर रही हैं।
अंत में, दसौनी ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा, कहा कि जो सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने की बात करती है, वही अपने नेताओं के दुष्कर्म को संरक्षण दे रही है।