उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले Uttarakhand scholarship Fraud पर कार्रवाई तेज, एसआईटी ने दी तीन दिन की समयसीमा

देहरादून: उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले Uttarakhand scholarship Fraud पर कार्रवाई तेज, एसआईटी ने दी तीन दिन की समयसीमा

देहरादून।

उत्तराखंड में करोड़ों रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब तेज हो गई है। केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़े पैमाने पर हुई धोखाधड़ी की जांच के लिए गठित विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) ने पांच जिलों की पुलिस को तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। इस घोटाले में शामिल शैक्षणिक संस्थानों और व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

घोटाले पर शिकंजा

  • केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जांच शुरू।
  • विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग के पुलिस अधिकारियों को तीन दिन में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया।
  • संदिग्ध संस्थानों की मान्यता रद्द होने और आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की संभावना।

केंद्र सरकार की पहल

  • केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 92 संदिग्ध शैक्षणिक संस्थानों की सूची प्रदान की।
  • 19 मई को शासनादेश जारी कर सभी जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए।
  • प्रारंभिक जांच में 17 संस्थान संदेह के दायरे में, जिनकी रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई।
जांच का विवरणस्थिति
संदिग्ध संस्थान92
गहन जांच में संस्थान17
जांच की समयसीमा3 दिन

हाई-लेवल बैठक में निर्देश

  • बुधवार को पुलिस मुख्यालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध और कानून व्यवस्था) ने पांच जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को निर्देश दिए।
  • संदिग्ध संस्थानों और व्यक्तियों की प्रारंभिक जांच को तीन दिनों में पूरा करने का आदेश।
  • जांच में फर्जी दाखिलों, दस्तावेजों और बैंक खातों की गहन पड़ताल पर जोर।

घोटाले से जुड़ी योजनाएं

  • घोटाला केंद्र सरकार की तीन प्रमुख छात्रवृत्ति योजनाओं में सामने आया:
    • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना: स्कूल स्तर के छात्रों के लिए।
    • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना: उच्च शिक्षा के लिए।
    • मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति योजना: मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए।
  • इन योजनाओं के तहत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से डीबीटी द्वारा छात्रों के खातों में राशि हस्तांतरित की जाती है।

फर्जीवाड़े का खुलासा

  • 2021-22 और 2022-23 के दौरान कई संस्थानों और व्यक्तियों ने फर्जी दाखिलों, जाली दस्तावेजों और फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का दुरुपयोग किया।
  • एसआईटी अब इन फर्जी दाखिलों, बैंक खातों और दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है।

कड़ी कार्रवाई की तैयारी

  • जिन संस्थानों की संलिप्तता सिद्ध होगी, उनकी मान्यता रद्द की जाएगी।
  • धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों, संस्थानों और बिचौलियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होंगे।
  • यह कार्रवाई भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक मजबूत संदेश देगी।

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