उत्तराखंड

उत्तराखंड में पीसीपीएनडीटी एक्ट (PC-PNDT) का सख्ती से पालन: जन्म पंजीकरण पर विशेष जोर

उत्तराखंड में पीसीपीएनडीटी एक्ट (PC-PNDT) का सख्ती से पालन: जन्म पंजीकरण पर विशेष जोर

देहरादून।

राज्य में पीसीपीएनडीटी एक्ट (PC-PNDT Act) के तहत किए जा रहे कार्यों की जनपद स्तर पर निरंतर समीक्षा की जाएगी। इन समीक्षा बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (Chief Medical Officers) को निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, राज्य में अब बिना चिकित्सकीय परामर्श के गर्भ संबंधी दवाइयों (pregnancy-related medicines) की बिक्री नहीं की जाएगी। यदि मेडिकल स्टोरों पर मिसोप्रोस्टोल दवा (Misoprostol drug) की अनाधिकृत बिक्री पाई जाती है, तो स्टोर संचालक के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गर्भ संबंधी दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध: स्वास्थ्य मंत्री के सख्त निर्देश

सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में पीसी-पीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) का सख्ती से पालन किया जा रहा है। प्रदेश में किसी भी तरह से एक्ट का उल्लंघन न हो, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में अब गर्भ संबंधी मिसोप्रोस्टोल दवा की बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई है। केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही मरीजों को यह दवा दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर गर्भ संबंधी दवाओं की अनाधिकृत बिक्री पाई गई तो ऐसे स्टोर स्वामियों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को ठोस निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

जन्म पंजीकरण अभियान: 21 दिन के भीतर पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश

बैठक में नवजात शिशु के जन्म के 21 दिन के भीतर जन्म पंजीकरण (birth registration within 21 days) सुनिश्चित कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए। इसके लिए ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, जन्म पंजीकरण और चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 (Child Helpline 1098) को लेकर प्रदेशभर में वृहद जनजागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।

जनपदवार समीक्षा और भ्रूण हत्या रोकथाम पर कार्ययोजना

इसके अतिरिक्त, डॉ. रावत ने जनपद स्तर पर पीसी-पीएनडीटी के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा के निर्देश सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभागीय अधिकारियों की जनपदवार जिम्मेदारी तय कर भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किए जाएं।

साथ ही, इन समीक्षा बैठकों में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्यों को भी आमंत्रित किया जाए, ताकि जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की ठीक से पड़ताल हो सके और उनका लाभ आम लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण (sex determination) एवं भ्रूण हत्या (female feticide) की रोकथाम को लेकर भी ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि इस तरह के मामलों से सख्ती से निपटा जा सके।

बैठक में उपस्थित गणमान्य:

बैठक में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की सदस्य एवं विधायक कैंट सविता कपूर, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव न्याय एम.के. पाण्डे, उप सचिव अनूप मिश्र, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एन.एस. बिष्ट, डॉ. अमलेश कुमार सहित बोर्ड के नामित सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Figures MentionedDetails
Cost of Community BuildingApproximately 03 Crore Rupees
Deadline for Birth RegistrationWithin 21 days of birth
Child Helpline Number1098
Number of Districts with School Holidays11

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