देहरादून।
उत्तराखंड में एलयूसीसी चिटफंड घोटाला (LUCC Chit Fund Scam) से प्रभावित लगभग 25 लाख लोगों को न्याय की तलाश में देहरादून के एकता विहार में आमरण अनशन शुरू हो गया है। पीड़ितों ने सरकार (Uttarakhand Government) से इस बड़े फर्जीवाड़े में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी, यानी एलयूसीसी, राज्य के अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक है, जिसमें करीब 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। पीड़ितों का कहना है कि चिटफंड स्कैम (chit fund scam) में फंसे लोग अब न्याय के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
एलयूसीसी घोटाले का विवरण | Details of LUCC Scam
एलयूसीसी ने उत्तराखंड में कृषि अधिनियम 12 अक्टूबर 2012 के तहत पंजीकृत संख्या एमएससीएससी आर6392012 के साथ 37 शाखाएं खोलीं। कंपनी ने उच्च रिटर्न का लालच देकर लोगों को निवेश के लिए आकर्षित किया।
विज्ञापनों और सेमिनारों में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री की तस्वीरें और फिल्म सितारों की फोटो का इस्तेमाल किया गया। उत्तराखंड लाने वाले गिरीश चंद्र बिष्ट, ग्राम पिंगला, कौसानी, बागेश्वर के निवासी हैं। कंपनी ने दो डायरेक्टर और 37 ब्रांच मैनेजर नियुक्त किए, ज्यादातर पहाड़ी जिलों में।
29 सितंबर 2024 को ब्रांचें बंद हो गईं, जिससे निवेशक परेशान हो गए। पीड़ितों ने कहा कि कंपनी ने 2016 से निवेश शुरू कराया और 35 ब्रांचें खोलीं। यह घोटाला उत्तराखंड तक सीमित नहीं, बल्कि 8 राज्यों में फैला है। मालिक समीर अग्रवाल दुबई भाग चुके हैं।
- कंपनी ने 25,000 एजेंट बनाए, जिन्होंने 25 लाख लोगों से निवेश करवाया।
- जीएसटी और दस्तावेज पूरे थे, लेकिन उच्च रिटर्न का वादा धोखा साबित हुआ।
- रुद्रप्रयाग की रोशनी गौड़ ने कहा कि उन्होंने 60 लाख निवेश किया, जिसमें से 6 लाख अपना था।
जांच और कार्रवाई की स्थिति | Investigation and Action Status
सरकार ने सख्ती दिखाते हुए विजिलेंस जांच (vigilance investigation) शुरू की। पुलिस ने 10 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किए। कई आरोपी अन्य राज्यों से हैं, इसलिए जांच सीबीआई (CBI) को सौंपने की तैयारी है।
विजिलेंस निदेशक मुरुगेशन ने कहा कि सीबीआई को सौंपने के लिए नोटिस जारी हो चुका है, लेकिन केंद्र से पेंडिंग है। उत्तराखंड पुलिस की जांच जारी है, और दोषियों की गिरफ्तारी हो रही है।
जांच विवरण | स्थिति |
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विजिलेंस जांच | शुरू, 10 मामलों में चार्जशीट |
सीबीआई सौंपना | नोटिस जारी, केंद्र से पेंडिंग |
गिरफ्तारियां | दोषी पाए गए व्यक्तियों पर कार्रवाई |
पीड़ितों का आंदोलन | Victims’ Protest
पीड़ितों का सब्र अब जवाब दे रहा है। लंबे समय से धरना-प्रदर्शन के बावजूद प्रभावी कार्रवाई न होने से वे आमरण अनशन पर उतर आए। रुद्रप्रयाग की रोशनी गौड़ ने कहा कि उन्होंने 22 लाख निवेश किया, जिसमें 6 लाख अपना था। बाकी रिश्तेदारों से करवाया। बबीता भट्ट ने बताया कि उनका 35 लाख और टीम का 1.89 करोड़ लगा। जांच में देरी से राजनीतिक संरक्षण का शक है।
- पीड़ितों का कहना: जांच लटक रही है, बड़ी मछलियां शामिल हो सकती हैं।
- 25 लाख लोग प्रभावित, 100 करोड़ का नुकसान।
- कंपनी के 8 राज्यों में जाल, मालिक दुबई फरार।
राजनीतिक प्रतिक्रिया | Political Response
कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के समय यह घोटाला हुआ, गरीबों का पैसा लूटा गया। यह सरकार की विफलता है। कांग्रेस ने एलयूसीसी घोटाला (LUCC Scam) को बीजेपी संरक्षण का आरोप लगाया। पीड़ितों ने सरकार से न्याय की मांग की, ताकि फर्जीवाड़े के दोषी सजा पाएं।