मौसम और आपदा

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन का कहर: जनजीवन अस्त-व्यस्त, 384 सड़कें बंद

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन का कहर: जनजीवन अस्त-व्यस्त, 384 सड़कें बंद

देहरादून।

उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। यमुनोत्री हाईवे पर जंगलचट्टी और नारदचट्टी के आसपास छह नए भूस्खलन (landslide) और भू-धंसाव क्षेत्र बन गए हैं, जिससे हाईवे पर यात्रा संचालन पर संशय बना हुआ है। राजमार्ग निर्माण खंड बड़कोट के लिए मानसून के बाद यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से चलाना बड़ी चुनौती बन गई है।

हाईवे पर खतरा: कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त सड़कें (Highway Danger: Damaged Roads at Several Locations)

कुथनौर से जानकीचट्टी तक करीब 12 जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हनुमान चट्टी-फूलचट्टी के बीच सड़क कई स्थानों पर धंसी है और कई खड़ी चट्टानों से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है। स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से झील जैसी स्थिति बन गई है। पुल और होटलों की दूसरी मंजिल तक पानी पहुंच गया। बीते शनिवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई पेड़ बहकर पुल पर अटक गए और पानी पुल के ऊपर से बहने लगा। सिंचाई और एनएच विभाग की मशीनें मलबा हटाकर जलस्तर सामान्य करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है।

जानलेवा हादसा: भूस्खलन में दो की मौत (Fatal Accident: Two Dead in Landslide)

रुद्रप्रयाग के मुनकटिया भूस्खलन ज़ोन में एक यात्री वाहन पर भारी बोल्डर गिरने से दो लोगों की मौके पर मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे। स्थानीय रेस्क्यू टीमों ने घायलों को तुरंत सोनप्रयाग अस्पताल भेजा।

मौसम अलर्ट और स्कूलों में अवकाश (Weather Alert and School Holidays)

देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में भारी से अत्यंत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट (Red Alert), जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्यभर के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।

बारिश और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र:

क्षेत्रस्थिति
यमुनोत्री हाईवे (जंगलचट्टी, नारदचट्टी)6 नए भूस्खलन/भू-धंसाव क्षेत्र, यात्रा पर संशय
कुथनौर से जानकीचट्टी12 स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त
हनुमान चट्टी-फूलचट्टीसड़क धंसी, बोल्डर गिरने का खतरा
स्यानाचट्टीयमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, पुल और होटलों की दूसरी मंजिल तक पानी
रुद्रप्रयाग (मुनकटिया ज़ोन)यात्री वाहन पर बोल्डर गिरने से 2 की मौत, 3 घायल

मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी और भू-धंसाव (Meteorologists’ Warning and Land Subsidence)

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून चरम पर है और आने वाले दिनों में बारिश का दौर जारी रहेगा। चमोली जिले की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। चमोली जिले में पिछले तीन वर्षों में भूधंसाव की घटनाएं बढ़ी हैं। कर्णप्रयाग, ज्योतिर्मठ और अब नंदानगर में भू-धंसाव ने लोगों की जान और संपत्ति पर खतरा बढ़ा दिया है। नंदानगर में जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है, कई मकान खाली कराए गए हैं और व्यापार प्रभावित हो रहा है।

रिकॉर्ड तोड़ बारिश और कृत्रिम झीलें (Record Breaking Rainfall and Artificial Lakes)

आईआईटी रुड़की के अध्ययन में पाया गया कि अगस्त में भूस्खलन बांध (moraine dams) सबसे अधिक बने हैं। पिछले महीने उत्तरकाशी में गदेरों से आए मलबे ने हर्षिल और स्यानाचट्टी में कृत्रिम झीलों का निर्माण किया, जिससे पानी की निकासी चुनौतीपूर्ण रही। देहरादून एयरपोर्ट पर अगस्त माह में 986.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे 23 साल का रिकॉर्ड टूट गया। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान अगस्त में मात्र 298 मिमी बारिश हुई थी। मई से अगस्त तक कुल 2225 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मौसम विशेषज्ञों के लिए भी चौंकाने वाला आंकड़ा है।

नदियों का उफान और विद्युत उत्पादन ठप (River Swell and Power Generation Halted)

डाकपत्थर बैराज से यमुना नदी में 1.23 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे दिल्ली और हरियाणा के लिए अलर्ट जारी हुआ। टोंस और यमुना नदी उफान पर हैं। छिबरौ, खोदरी, ढालीपुर और व्यासी जल विद्युत गृहों में उत्पादन ठप है। बारिश और मलबा आने से प्रदेश में 384 सड़कें बंद हैं। ऋषिकेश-हरिद्वार हाईवे पर यात्रियों से भरी यूपी की बस अनियंत्रित हो गई, लेकिन किसी की जान नहीं गई। भारी वाहनों के डायवर्ट न होने से भी यातायात प्रभावित हुआ।

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