उत्तराखंड में बाढ़ के पूर्वानुमान के संबंध में जिलाधिकारियों को जारी किए गए निर्देशों और सावधानियों का विवरण यहाँ दिया गया है।
देहरादून।
उत्तराखण्ड राज्य के जनपद अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल एवं उत्तरकाशी में अगले 24 घंटों में भारी वर्षा के कारण जल भराव की स्थिति उत्पन्न होने तथा बाढ़ के खतरे का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इस संबंध में, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून द्वारा इन नौ जिलों के जिलाधिकारियों को विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बाढ़ और भूस्खलन का पूर्वानुमान (Flood and Landslide Forecast)
भारत मौसम विज्ञान विभाग हाईड्रोमेट डिवीजन नई दिल्ली के द्वारा दिनांक 02 सितम्बर, 2025 को जारी पूर्वानुमान के अनुसार, इन जनपदों में कम से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा है। इस स्थिति को देखते हुए, जिलाधिकारियों को निम्नलिखित सावधानियां सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है:
- तत्परता और आवागमन नियंत्रण (Readiness and Traffic Control): प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं सुरक्षा बनाये रखते हुए आवागमन में नियंत्रण रखा जाये।
- त्वरित कार्यवाही और सूचना आदान-प्रदान (Swift Action and Information Exchange): किसी भी आपदा/दुर्घटना की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्यवाही करते हुए सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान किया जाये।
- आपदा प्रबंधन IRS प्रणाली अलर्ट (Disaster Management IRS System Alert): आपदा प्रबन्धन IRS प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहेंगे।
- राजमार्गों की बहाली (Restoration of Highways): PWD, PMGSY, ADB, BRO, CPWD आदि किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने की दशा में उसे तत्काल खुलवाना सुनिश्चित करेंगे।
क्षेत्रीय अधिकारियों के लिए निर्देश (Directives for Field Officials)
- स्थानीय अधिकारियों की उपस्थिति (Presence of Local Officials): समस्त राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी प्रत्येक दशा में अपने तैनाती क्षेत्रों में ही बने रहेंगे।
- पुलिस और सुरक्षा बल अलर्ट (Police and Security Forces on Alert): समस्त चौकी/थाने भी आपदा सम्बन्धी उपकरणों एवं वायरलैस सेट आदि सहित हाई अलर्ट में रहेंगे।
- संचार व्यवस्था सुचारू रखना (Maintaining Communication): उक्त अवधि में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी अपने मोबाईल फोन स्विच ऑफ नहीं करेंगे।
- आवश्यक उपकरण साथ रखना (Carrying Essential Equipment): अधिकारीगण बरसाती छाता, टार्च, हैलमेट तथा कुछ आवश्यक उपकरण एवं सामग्री अपने वाहनों में अवश्य रखेंगे।
- फंसे लोगों के लिए सहायता (Assistance for Stranded Individuals): उक्त अवधि में लोगों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री व मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था तत्काल करेंगे।
- विद्यार्थियों की सुरक्षा (Safety of Students): विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालयों में सावधानी बरती जाए।
- पर्यटकों के लिए चेतावनी (Warning for Tourists): असामान्य मौसम, भारी वर्षा की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन को अनुमति न दी जाए।
जनमानस तक सूचना का प्रसार (Dissemination of Information to the Public)
- मीडिया के माध्यम से सूचना (Information Through Media): सम्बन्धित जनपदों के जिला सूचना अधिकारी उक्त चेतावनी / सूचना को आम जनमानस तक दृश्य एवं प्रिन्ट मीडिया से प्रसारित करना सुनिश्चित करेंगे व आम जनमानस को सूचित करेंगे कि वह इस अवधि में अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले।
- संवेदनशील मार्गों पर तैयारी (Preparation on Sensitive Routes): भू-स्खलन के लिए संवेदनशील मार्गों पर पहले से ही उपकरणों की उचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
- आपदा सूचना के लिए संपर्क (Contact for Disaster Information): समस्त सम्बन्धित अधिकारी किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना SEOC/राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बरों 0135-2710335, 0135-2710334, टोल फ्री नं०: 1070, 9058441404 एवं 8215867005 पर तत्काल उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।