देहरादून।
अगस्त 2025 उत्तराखंड के लिए भारी तबाही लेकर आया। भारी बारिश (Natural Disaster), बादल फटने और भूस्खलन ने पहाड़ों को हिला दिया। कहीं बादल फटे, कहीं झील बनी, तो कहीं बाजार मलबे में बदल गए। इस आपदा ने प्रदेश की रफ्तार रोक दी। प्रदेश को करीब 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। सड़कें और पुल टूटने से यातायात और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
धराली में बाढ़ की तबाही
5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली में खीरगाड़ में भीषण बाढ़ (Natural Disaster) आई। इस आपदा में 4 लोगों की जान गई और कई लोग मलबे में दब गए। पूरा बाजार जलप्रलय की चपेट में आ गया। गंगोत्री हाईवे बंद हो गया, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आईं। इस आपदा की तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। सेना ने MI-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू किया।
पौड़ी में बादल फटने से हाहाकार
6 अगस्त को पौड़ी जिले के सैंजी और रैदुल पट्टी में बादल फटने और भूस्खलन (Natural Disaster) ने भारी तबाही मचाई। मकान और खेत बर्बाद हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की।
केदारनाथ यात्रा पर बार-बार रोक
भारी बारिश (Natural Disaster) के कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई। 6 अगस्त को सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर मलबा आने से यात्रा रोकी गई। 15 अगस्त तक कई बार यात्रा स्थगित करनी पड़ी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और हालात सामान्य होने पर ही यात्रा शुरू की।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा भी रुकी
14 अगस्त को भारी बारिश (Natural Disaster) के चलते बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा रोक दी गई। ट्रेकिंग रूट और अन्य ट्रेकिंग स्थल भी अस्थायी रूप से बंद किए गए।
स्यानाचट्टी में बनी झील
21 अगस्त को उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में कुपड़ा गाड़ से आए मलबे ने यमुना नदी का प्रवाह रोक दिया। इससे 400 मीटर लंबी और 300 मीटर चौड़ी झील बन गई। झील का जलस्तर बढ़ने से कस्बे में पानी घुस गया। होटल और मकान डूबने लगे। प्रशासन ने 60 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं।
थराली में भारी तबाही
22 अगस्त को चमोली के थराली में भारी बारिश (Natural Disaster) ने कहर बरपाया। चेपड़ों गांव और थराली बाजार बुरी तरह प्रभावित हुए। कई सड़कें टूट गईं, जिससे रेस्क्यू में मुश्किलें आईं। आपात स्थिति में हेलीपैड बनाकर घायलों को ऋषिकेश एम्स भेजा गया। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
रुद्रप्रयाग में बादल फटने का कहर
28 अगस्त को रुद्रप्रयाग के बसुकेदार में बादल फटने (Natural Disaster) से छेनागाड़ बाजार मलबे में बदल गया। 18 भवन ध्वस्त हो गए और 8 लोग लापता हो गए। बिंदेश्वर महादेव मंदिर भी मलबे में दब गया।
अलकनंदा का उफान, धारी देवी मंदिर खतरे में
28 अगस्त की रात अलकनंदा नदी उफान पर आ गई। धारी देवी मंदिर के पिलर पानी में डूब गए। श्रीनगर और देवप्रयाग के घाट पूरी तरह डूब गए। रुद्रप्रयाग-श्रीनगर हाईवे नदी में समा गया।
अगस्त की आपदा का नतीजा
अगस्त 2025 की प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disaster) ने उत्तराखंड को आर्थिक और सामाजिक रूप से झकझोर दिया। हजारों लोग बेघर हुए, सैकड़ों किलोमीटर सड़कें टूटीं और तीर्थयात्राएं प्रभावित हुईं। प्रदेश को 1,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
आपदा प्रबंधन की जरूरत
यह महीना साफ संदेश दे गया कि उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन (Natural Disaster), नदी चैनलाइजेशन और सुरक्षित बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम करना होगा। नहीं तो हर साल पहाड़ों को ऐसी त्रासदी झेलनी पड़ेगी।
प्रमुख आपदाओं की जानकारी
तारीख | स्थान | घटना | प्रभाव |
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5 अगस्त | धराली, उत्तरकाशी | भीषण बाढ़ | 4 मौतें, बाजार जलमग्न, गंगोत्री हाईवे बंद |
6 अगस्त | सैंजी, रैदुल पट्टी, पौड़ी | बादल फटना, भूस्खलन | मकान और खेत बर्बाद |
6-15 अगस्त | केदारनाथ | मलबे के कारण यात्रा रुकी | यात्रा बार-बार स्थगित |
14 अगस्त | बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब | भारी बारिश | यात्रा और ट्रेकिंग रूट बंद |
21 अगस्त | स्यानाचट्टी, उत्तरकाशी | यमुना में झील बनी | 60 लोग शिफ्ट, होटल-मकान डूबे |
22 अगस्त | थराली, चमोली | भारी बारिश | सड़कें टूटीं, घायलों को एयरलिफ्ट |
28 अगस्त | बसुकेदार, रुद्रप्रयाग | बादल फटना | 18 भवन ध्वस्त, 8 लोग लापता |