उत्तराखंड में आई आपदा के बाद, केंद्रीय टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी हकीकत जानी, राहत पैकेज की उम्मीदें बढ़ीं।
देहरादून:
देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है। भारी बारिश के कारण राज्य के कई जिलों में पहाड़ों की भू-आकृति कमजोर हो गई है, जिसके चलते चमोली, गोपेश्वर, टिहरी, घनसाली और रुद्रप्रयाग जैसे क्षेत्रों में भूधंसाव और भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। घरों और खेतों में दरारें पड़ना ग्रामीणों के बीच भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रहा है। इसी गंभीर स्थिति का जायजा लेने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीम (IMCT) ने सोमवार को जनपद के धराली-हर्षिल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
नुकसान का आकलन और राहत कार्यों की समीक्षा
टीम के निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करना और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करना रहा। टीम के सदस्य आर्मी हेलीपैड हर्षिल पहुंचे, जहां जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल ने उनका स्वागत किया। जिलाधिकारी ने टीम को जनपद में आपदा के दौरान परिसंपत्तियों को हुए नुकसान और जनहानि से संबंधित आंकड़ों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा:
टीम ने मुखवा, हर्षिल, धराली के आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागीय अधिकारियों से क्षति और पुनर्निर्माण कार्यों के आकलन की जानकारी ली। धराली आपदा में प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत स्थानीय अधिकारियों और प्रभावित लोगों के साथ बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की गई।
स्थानीय लोगों की गुहार: जल्द मिले राहत और पुनर्वास
स्थानीय लोगों ने टीम के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं और उनके निराकरण का अनुरोध किया। आपदा प्रभावितों ने अपने मकानों, होटलों, बगीचों, फसलों और व्यवसायों सहित विभिन्न परिसंपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने टीम से पुनर्वास, रोजगार, पुनर्स्थापन और परिस्थिति क्षतिपूर्ति जल्द उपलब्ध कराने की मांग की।
निरीक्षण में शामिल प्रमुख बिंदु:
- बुनियादी ढाँचे की क्षति (सड़कें, पुल, सार्वजनिक भवन)
- बिजली और जल आपूर्ति लाइनों को नुकसान
- कृषि, फसलों और पशुधन को हुई क्षति
- स्थानीय आजीविका के अन्य साधनों पर प्रभाव
- राहत बचाव कार्यों की जानकारी (भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता, अस्थायी आश्रय)
टीम लीडर की प्रतिक्रिया:
टीम लीडर आर. प्रसन्ना ने कहा कि आपदा प्रभावितों के जान-माल को हुए नुकसान की जानकारी स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ली जा रही है। टीम प्रभावितों के मकान, आजीविका, जमीनों, फसलों आदि परिसंपत्तियों को हुए नुकसान से संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया महत्वपूर्ण कदम:
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि यह निरीक्षण आपदा प्रबंधन और प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। टीम अपनी सिफारिशों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी, जिस पर सरकार अंतिम निर्णय लेगी। यह दौरा पुनर्निर्माण और जनजीवन बहाली सुनिश्चित करने के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का एक हिस्सा है।
केंद्रीय टीम का गठन:
टीम का नेतृत्व संयुक्त सचिव भारत सरकार आर. प्रसन्ना ने किया। टीम के अन्य सदस्यों में निदेशक वित्त शैलेश कुमार, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, उपनिदेशक विकास सचान शामिल रहे। इस दौरान जिलाधिकारी प्रशांत आर्य, पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल, एडीएम मुक्ता मिश्र, एसडीएम भटवाड़ी शालिनी नेगी, अधीक्षण अभियंता सिंचाई संजय राज, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, सीएमओ बीएस रावत, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल मनोज गुसाईं सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।