हरिद्वार।
उत्तराखंड सरकार ने 2027 के अर्द्धकुंभ मेले को “दिव्य और भव्य” बनाने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इस मेले के लिए 54 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसमें स्थायी और अस्थायी स्वास्थ्य सुविधाओं का समावेश है।
आस्था और व्यवस्था का संगम
अर्द्धकुंभ 2027 न केवल आस्था का महाकुंभ होगा, बल्कि व्यवस्था की मिसाल भी बनेगा। स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों के लिए 2924 बेड, 40 एम्बुलेंस, और आधुनिक मशीनों की व्यवस्था की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी श्रद्धालु चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे।”
डॉ. आर. राजेश कुमार: “हर तीर्थयात्री की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है।”
बजट और योजना की पारदर्शिता
स्वास्थ्य विभाग ने अर्द्धकुंभ के लिए 54 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है, जिसमें स्थायी और अस्थायी कार्य शामिल हैं। यह पारदर्शी योजना मेले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने का संकेत देती है। विभाग ने 683 लाख रुपये स्थायी कार्यों और 3765 लाख रुपये अस्थायी कार्यों के लिए आवंटित किए हैं।
अर्द्धकुंभ 2027: स्वास्थ्य बजट और सुविधाएं
विवरण | आंकड़ा |
---|---|
कुल बजट | 54 करोड़ रुपये |
स्थायी कार्यों का बजट | 683 लाख रुपये |
अस्थायी कार्यों का बजट | 3765 लाख रुपये |
कुल बेड | 2924 (373 अस्थायी + 1101 सरकारी + 1450 निजी) |
एम्बुलेंस | 40 (16 मौजूदा + 24 नई) |
फूड सेफ्टी वैन | 3 |
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पहले
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि अर्द्धकुंभ को “दिव्य और भव्य” बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। विभाग ने 35 अस्थायी अस्पतालों में 373 बेड और 13 सरकारी अस्पतालों में 1101 बेड आरक्षित करने की योजना बनाई है। निजी अस्पतालों में 1450 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था होगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री: “कुंभ केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है।”
आधुनिक सुविधाओं का विस्तार
स्वास्थ्य विभाग ने मेले के लिए 40 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है, जिसमें 24 नई एम्बुलेंस शामिल होंगी। इसके अलावा, भूपतवाला अस्पताल में 15 लाख रुपये की लागत से डॉप्लर सुविधायुक्त अल्ट्रासाउंड मशीन और 18 लाख रुपये की लागत से एक्स-रे सीआर मशीन स्थापित की जाएगी। ये कदम मेले की चिकित्सा सेवाओं को आधुनिक बनाएंगे।
खानपान की गुणवत्ता पर नजर
तीर्थयात्रियों के खानपान की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग तीन नई फूड सेफ्टी वैन खरीदेगा। इन वैन के जरिए मेला क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित जांच होगी। यह कदम श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।स्वास्थ्य सुविधाओं की मुख्य विशेषताएं
- अस्थायी अस्पताल: 35 अस्पतालों में 373 बेड।
- संक्रामक रोग नियंत्रण: 25 लाख रुपये की लागत से 5 माउंटेबल और 35 पोर्टेबल फॉगिंग मशीनें।
- वाहन व्यवस्था: 60 वाहन, जिसमें 4 नए और बाकी किराए पर।
स्थायी ढांचे का निर्माण
स्वास्थ्य विभाग ने रोशनाबाद में 120 लाख रुपये की लागत से ड्रग वेयरहाउस बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, 54 लाख रुपये की लागत से चार नए वाहन खरीदे जाएंगे। सवाल यह है कि क्या ये स्थायी ढांचे समय पर तैयार हो पाएंगे, या यह सिर्फ कागजी वादा बनकर रह जाएगा?
समन्वय की ताकत
कुंभ मेला अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियां समन्वित रूप से काम कर रही हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल से मेले की तैयारियां सुदृढ़ हो रही हैं।
संस्कृति और आस्था का उत्सव
अर्द्धकुंभ उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और आस्था का प्रतीक है। स्वास्थ्य विभाग की यह कार्ययोजना सुनिश्चित करेगी कि लाखों श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बन सकें। यह उत्तराखंड की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा।
भविष्य की नींव
2027 का अर्द्धकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड के विकास की नई कहानी लिखेगा। स्वास्थ्य विभाग की ये तैयारियां भविष्य में अन्य बड़े आयोजनों के लिए मॉडल बन सकती हैं।
तीर्थयात्रियों का विश्वास
हरिद्वार का कुंभ मेला आस्था का वह केंद्र है, जहां लाखों लोग अपने विश्वास के साथ आते हैं। स्वास्थ्य विभाग की यह कार्ययोजना सुनिश्चित करेगी कि हर तीर्थयात्री सुरक्षित और संतुष्ट होकर लौटे। यह उत्तराखंड की आत्मा का उत्सव है।