ऋषिकेश:
एम्स ऋषिकेश में हृदय और रक्त वाहिकाओं की सर्जरी से जुड़े डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हृदय की रचना और इससे जुड़ी जटिलताओं को समझने के साथ-साथ, हृदय रोगों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सर्जरी की बारीकियों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल मुंबई के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल टेण्डोल्कर ने भाग लिया। उन्होंने युवा डॉक्टरों को हृदय रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सर्जरी के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के तरीके बताए।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं युवा डॉक्टरों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। उन्होंने युवा डॉक्टरों से इस अवसर का पूरा फायदा उठाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम की संयोजक और विभाग की एडिशनल प्रो. डाॅ. नम्रता गौर ने बताया कि रक्त वाहिकाओं की सर्जरी से कई जानें बचाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सही तकनीक से रक्त वाहिकाओं की मरम्मत करने पर मरीज को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।
इस कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों ने भाग लिया। सभी ने कार्यशाला को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।