पौड़ी :
व्यापार सभा पौड़ी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शारदीय पौड़ी महोत्सव का गुरुवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सफल समापन हो गया। महोत्सव के अंतिम दिन उत्तराखंड के मशहूर लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और अनिल बिष्ट ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। कड़ाके की ठंड के बावजूद, पौड़ी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भारी संख्या में लोग ‘हृदय सम्राट’ नरेंद्र सिंह नेगी और युवाओं के पसंदीदा लोक गायक अनिल बिष्ट को सुनने के लिए उमड़े रहे। उनके गीतों पर दर्शक जमकर थिरके।
महोत्सव के तीसरे दिन का शुभारंभ विधायक राजकुमार पोरी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी ने किया। लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने भूमियाल देवता कंडोलिया बाबा की स्तुति से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने अपने नए चर्चित गीत “राजीनामा कैजा”, “तू ही मेरी सौंजियाणा”, “मालू गुरयालु क बीच खिली सकीना अहा”, “तिलैय्या धारू बोला” जैसे एक से बढ़कर एक लोक गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, लोक गायक अनिल बिष्ट ने “चैता की चैतेली”, “मेरी मधुलि”, “हर हरचिया गया देहरादून मा” आदि रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। महोत्सव के दौरान लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनंद उठाया।
दूर-दूर से पहुंचे नेगी के प्रशंसक:
गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों को सुनने के लिए न सिर्फ पौड़ी, बल्कि दूर-दूर से भी लोग रामलीला मैदान पहुंचे। इस मौके पर नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पौड़ी की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए इस तरह के आयोजन बेहद सराहनीय हैं, और उन्हें यहां के श्रोताओं से बहुत ऊर्जा मिली। उन्होंने बताया कि संस्कृति नगरी पौड़ी उनकी जन्मस्थली और कर्मस्थली भी रही है और उन्होंने इसी रामलीला मंच से अपने रंगमंच की शुरुआत की थी। उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, “यह स्वाभाविक है कि आप इतनी बेसब्री से मुझे सुनने के लिए कड़ाके की ठंड में भी पहुंचे हैं।”
इसके अलावा, लोक गायक अनिल बिष्ट ने भी अपने गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अंत में व्यापार सभा के अध्यक्ष विनय शर्मा ने अतिथियों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि जिस प्रकार पौड़ी की जनता का अपार समर्थन मिला और कार्यक्रम सफल रहा है, भविष्य में भी इसी तरह के और अच्छे आयोजन करने का प्रयास करते रहेंगे। लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और अनिल बिष्ट को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध उद्घोषक गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया, वहीं व्यापार सभा पौड़ी की ओर से आयोजन का संचालन वीरेंद्र खंकरियाल ने किया। व्यापार सभा पौड़ी द्वारा दोनों सुप्रसिद्ध गायकों को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।