ऋषिकेश।
एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी का दो दिवसीय तीसरा वार्षिक सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में भारत और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा संस्थानों के प्रतिष्ठित यूरोलॉजिस्ट और विशेषज्ञ शामिल हुए। सम्मेलन में यूरोलॉजिकल कैंसर, किडनी पथरी, रोबोटिक सर्जरी, महिला मूत्र विकार और पुरुष स्वास्थ्य जैसे विषयों पर नवीनतम तकनीकों, शोध और अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि बीएचयू आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सत्य नारायण संखवार ने यूरोलॉजी में शोध और नवाचार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने एम्स ऋषिकेश के प्रयासों की सराहना की। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन चिकित्सा क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत करते हैं और नवाचार को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने यूरोलॉजी विभाग के समर्पित कार्यों की प्रशंसा की और इस सम्मेलन को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से चिकित्सकों और मरीजों दोनों को लाभ होता है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष और यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल ने बताया कि सम्मेलन में सेमी-लाइव सर्जिकल डेमो, शोध प्रस्तुतियां और पैनल चर्चाएं मुख्य आकर्षण रहीं। करीब 350 से 400 चिकित्सक, यूरो विशेषज्ञ और फैकल्टी सदस्य इस आयोजन में शामिल हुए। आयोजन सचिव डॉ. विकास कुमार पंवार ने कहा कि इस सम्मेलन ने यूरोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को एक मंच पर लाकर चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं को नई तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड और पूरे देश के चिकित्सा समुदाय के लिए शिक्षा और नवाचार का प्रेरणास्रोत बना। इसका समापन इस विश्वास के साथ हुआ कि भविष्य में ऐसे आयोजन यूरोलॉजिकल देखभाल को और बेहतर बनाएंगे।
सम्मेलन की संरक्षक और डीन एकेडेमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्य श्री बलिजा, उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी के पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार गोयल, डॉ. दरेश डोडमानी, डॉ. हरेंद्र गुप्ता, डॉ. दीपक गर्ग और डॉ. मनीष पांडे ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. दिलीप कुमार और एम्स सहित अन्य संस्थानों के रेजिडेंट डॉक्टरों की सक्रिय भागीदारी ने सम्मेलन को प्रभावी बनाया।
यूरोलॉजिकल समस्याओं के लक्षण
- मूत्राशय कैंसर: पेशाब में खून, जलन, बार-बार पेशाब, पेट में दर्द, वजन घटना।
- किडनी पथरी: कमर में तेज दर्द, उल्टी, मतली।
- पुरुष स्वास्थ्य: यौन क्षमता में कमी, संतान उत्पत्ति में दिक्कत, वृषण में दर्द।
- महिला स्वास्थ्य: खांसते-छींकते समय पेशाब टपकना, पेल्विक क्षेत्र में भारीपन, बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण।
यदि इनमें से कोई लक्षण लगातार दिखे, तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।