श्रीनगर गढ़वाल।

श्रीनगर गढ़वाल में दीक्षारंभ कार्यक्रम की धूम Grand Student Induction Program at Srinagar Garhwal University
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में स्वामी मनमन्थन ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षारंभ कार्यक्रम ने नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को अविस्मरणीय बना दिया। शिक्षा संकाय, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय, और प्रबंधन संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों, और प्रशासनिक अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के गणमान्य अतिथि और अधिकारी मंच पर उपस्थित रहे।
कुलपति का प्रेरणादायक संदेश Vice-Chancellor’s Motivational Address to New Students
कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नवप्रवेशी छात्रों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नैतिकता, आदर्श, और सामाजिक उत्तरदायित्व विकसित करने का एक अनमोल अवसर है। कुलपति ने विद्यार्थियों को अनुसंधान, नवाचार, और समाजसेवा को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया।
वक्ता | मुख्य संदेश |
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कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह | उच्च शिक्षा के माध्यम से नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व विकसित करें |
डीआईजी सुभाष चन्द | आत्मविश्वास और अनुशासन से चुनौतियों को पार करें |
प्रो. एम.एस. पंवार | सतत अध्ययन और जिज्ञासा से सफलता प्राप्त करें |
प्रेरणादायक संबोधन और विश्वविद्यालय का परिचय Inspiring Speeches and University Introduction
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआईजी सुभाष चन्द ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन, और दृढ़ निश्चय के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने की सलाह दी। उन्होंने लक्ष्य निर्धारण और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
कुलसचिव प्रो. आर.के. डोढ़ी ने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, संरचना, और शैक्षणिक गतिविधियों का विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय मूल्यों के संवर्धन पर विशेष ध्यान देता है।
प्रो. एम.एस. पंवार ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा का मार्ग चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सतत अध्ययन, आत्म-अनुशासन, और गहन जिज्ञासा से सफलता निश्चित है। उन्होंने छात्रों को केवल परीक्षा तक सीमित न रहकर, जीवन के हर क्षेत्र में अपने ज्ञान का उपयोग करने की सलाह दी।
छात्र कल्याण और अनुशासन पर जोर Focus on Student Welfare and Discipline
डीन छात्र कल्याण प्रो. ओ.पी. गुसाईं ने विश्वविद्यालय की छात्रवृत्तियों, कल्याणकारी योजनाओं, और नियमावली की जानकारी दी, साथ ही विद्यार्थियों से इनका लाभ उठाने की अपील की। परिसर निदेशक प्रो. आर.एस. नेगी ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और सुविधाओं का परिचय दिया।
मुख्य अधिष्ठाता अनुशासन प्रो. एस.सी. सती ने प्रॉक्टोरियल नियमों की जानकारी देते हुए अनुशासन, शैक्षणिक ईमानदारी, और गरिमा बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय रैगिंग के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाता है।
विषय | जानकारी |
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छात्रवृत्तियाँ | विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ उपलब्ध |
अनुशासन | रैगिंग के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति |
सुविधाएँ | समर्थ पोर्टल, एनसीसी, एनएसएस, पुस्तकालय, छात्रावास |
संकायों की विशेषताएँ और सुविधाएँ Faculty Highlights and University Facilities
अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. एम.एम.एस. रौथाण और शिक्षा संकाय की डीन प्रो. सुनीता गोडियाल ने अपने-अपने संकायों की विशेषताओं और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के बाद, विद्यार्थियों को समर्थ पोर्टल, आंतरिक शिकायत समिति, एनसीसी, एनएसएस, भेदभाव-निरोधी प्रकोष्ठ, परीक्षा प्रणाली, पुस्तकालय, छात्रावास, प्लेसमेंट सेल, छात्र शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, एंटी-रैगिंग प्रकोष्ठ, और खेलकूद गतिविधियों जैसी सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
आभार और व्यवस्थाएँ Gratitude and Event Management
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन दीक्षारंभ कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. महेंद्र बाबू कुरावा ने किया। आयोजन की व्यवस्थाओं में डॉ. मुकुल पंत, डॉ. हीरालाल यादव, डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. वाई.पी. पुंडीर, और डॉ. सिद्धार्थ लोहनी की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही।