उत्तराखंड

किसानों के बीच खाट पर बैठे केंद्रीय कृषि मंत्री, उत्तराखंड को बनाएंगे बागवानी का हब

देहरादून।

उत्तराखंड में खेती-किसानी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को देहरादून के डोईवाला ब्लॉक के पाववाला सौड़ा गांव में आयोजित किसान चौपाल में हिस्सा लिया। खेतों के बीच खाट पर बैठकर उन्होंने किसानों से दिल खोलकर बात की और उनकी समस्याओं को समझा। इस दौरान उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण भी किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। चौपाल में किसानों ने बीज, सिंचाई, विपणन, फसल बीमा योजना और कृषि उत्पादों के उचित मूल्य से जुड़ी अपनी समस्याएं रखीं। लीची, बासमती चावल, कटहल और सब्जी उत्पादकों ने भी अपनी परेशानियों को साझा किया और समाधान के लिए सुझाव दिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “मैं खुद एक किसान परिवार से हूं और किसानों का दर्द समझता हूं। इसलिए आज मैं खेतों में खाट पर बैठकर आपसे बात कर रहा हूं, ताकि यह जान सकूं कि सरकार की योजनाएं जमीन तक पहुंच रही हैं या नहीं। किसानों से सीधी बातचीत उनकी मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करती है।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं का समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाए। श्री चौहान ने कहा कि केंद्र और उत्तराखंड सरकार मिलकर राज्य को बागवानी (हार्टिकल्चर) का राष्ट्रीय हब बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के फल, अनाज और सब्जियों की गुणवत्ता अनोखी है और इनमें वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की पूरी क्षमता है।
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पवित्र देवभूमि में आकर मन, बुद्धि और आत्मा नई ऊर्जा से भर जाते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार खेती के क्षेत्र में शानदार काम कर रही है। केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ मिले और उनके उत्पादों के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध हों।” उन्होंने प्राकृतिक खेती, तकनीकी नवाचार और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देकर खेती को और लाभकारी बनाने की बात कही।

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