Sahitya Indore News: आयोजन में रचना पाठ का सिलसिला भी चला जिसमें वक्ताओं ने कविता पाठ किया।
इंदौर।
साहित्य को समर्पित संस्था शुभ संकल्प समूह द्वारा दुबई में अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी आयोजित की गई। सर्वधर्म भौम लक्ष्य से प्रेरित होकर आयोजित की गई इस संगोष्ठी में हिंदी के प्रचार-प्रसार से संबंधित चर्चा हुई, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि हिंदी को अधिक से अधिक प्रयोग में लाना होगा। आयोजन में रचना पाठ का सिलसिला भी चला जिसमें वक्ताओं ने कविता पाठ किया।
संस्था की निदेशक डा. सुनीता श्रीवास्तव ने बताया कि इस आयोजन में भारत- दुबई की साझा संकलन पुस्तक “साहित्य स्वर लहरी’ भी विमोचित की गई। इसमें भारत और दुबई के 67 रचनाकारों की रचनाएं संकलित की गई है। हिंदी, उर्दू और फारसी भाषा की इन रचनाओं में कविता और लघुकथाओं को संकलित किया गया है। कार्यक्रम में आरती गोयल ने “भावों के उठापटक में जब बनती है सविता, तब बनती हैं कविता…’ सुनाई। डा. शर्मिला देवी चौधरी की कविता “वह पक्ष बतलाऊं जिससे, थे तुम अब तक अनजान, बहुमुखी प्रतिभाशाली, आज के भारत का युवा किसान’ के हिस्से में खूब दाद आई।
नितिन उपाध्ये ने श्रीकृष्ण को समर्पित कविता मंच से प्रस्तुत की। उनकी कविता की पंक्तियां “धेनु की धुन में रम्भाता, मोर का हूं, पंख मैं हूं, सुदर्शन चक्र भी तो पांचजन्य शंख मैं हूं, जमनाजी के काले जल-सा बहता मैं अविराम, मैं ही राधा , मैं ही मीरा, मैं ही हूं घनश्याम’ को खासा पसंद किया गया। आयोजन में इरम खान, मंजू सिंह, प्रचिती तलाटी, कौसर कोसेएल ,फिओला डिलोटा ने कविता पाठ किया। विकास भार्गव ने पुस्तक, प्रकाशन और रचानकारों की समस्या विषय पर विचार व्यक्त किए। संकल्प श्रीवास्तव ने संस्था की जानाकरी दी। संचालन मंजू सिंह ने किया। आभार डा. सुनीता श्रीवास्तव ने माना।