रुड़की।
रुड़की को स्वच्छ और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए रोटरी क्लब मिडटाउन नगर निगम के सहयोग से शहरव्यापी अभियान शुरू करने जा रहा है। इसकी योजना तैयार करने के लिए क्लब पदाधिकारियों ने महापौर अनीता ललित अग्रवाल से उनके कार्यालय में मुलाकात की। तय हुआ कि 9 जून को पार्षदों और क्लब समन्वयकों की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें “प्रोजेक्ट इको ब्रिक्स” सहित अभियान की रूपरेखा पर चर्चा होगी।
रोटरी क्लब मिडटाउन द्वारा संचालित “प्रोजेक्ट इको ब्रिक्स” पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय पहल है। क्लब पदाधिकारियों ने महापौर को बताया कि यह प्रोजेक्ट “पर्यावरण बचाओ” अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर घर में सिंगल यूज प्लास्टिक को गीले और जैविक कचरे से अलग करने की आदत विकसित करना है। इसकी समन्वयक मिसेज कनिका गुप्ता और सीए (डॉ.) समीक्षा जैन हैं।
प्रोजेक्ट इको ब्रिक्स की शुरुआत 2023 में रुड़की के 11 प्रमुख स्कूलों में हुई थी। इसके साथ “प्रोजेक्ट इको बैग्स” भी शुरू किया गया, जिसमें घरों से एकत्र सिंगल यूज प्लास्टिक को माह में एक बार नगर निगम को रीसाइक्लिंग के लिए सौंपा जाता है। पिछले दो वर्षों में इस अभियान के जरिए 7 हजार किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक निगम को दिया गया, जिससे रीसाइक्लिंग कर प्लास्टिक बेंचें बनाई गईं। ये बेंचें उन स्कूलों में स्थापित की गईं, जिन्होंने अभियान में सक्रिय योगदान दिया।
युवाओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए इंटर स्कूल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं। इनमें बच्चों को प्लास्टिक प्रबंधन, अपसाइक्लिंग और नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे बचपन से ही पर्यावरण के प्रति जागरूक हों। रोटरी क्लब अब इस प्रोजेक्ट को पूरे शहर में विस्तार देने की तैयारी में है। इसके लिए नगर निगम और पार्षदों के सहयोग से शहरव्यापी योजना बनाई जा रही है। क्लब ने निगम से समन्वय बैठक आयोजित करने का आग्रह किया, जिसमें पार्षद और प्रोजेक्ट समन्वयक हिस्सा लेंगे।
महापौर अनीता अग्रवाल ने इस बैठक की तारीख 9 जून निर्धारित की, जिसमें अभियान के विस्तार और रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में रोटेरियन अक्षय प्रताप सिंह, डॉ. विकास त्यागी, विवेक गुप्ता और विभोर खन्ना मौजूद रहे।रोटेरियन अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि यह प्रयास रुड़की में सकारात्मक और स्थायी बदलाव लाएगा। निकट भविष्य में रुड़की को उत्तराखंड का सबसे स्वच्छ और पर्यावरण के प्रति जागरूक शहर बनाने की दिशा में यह एक ठोस कदम होगा।