हरिद्वार।
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार में बेटियों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल रहा। जमालपुर कलां के राजकीय विद्यालय में एक मां ने अपनी बेटी को दाखिला दिलाने की कोशिश की, लेकिन सहायक अध्यापक ने न केवल प्रवेश देने से मना कर दिया, बल्कि मां के साथ अभद्रता की और बेटी को डराया-धमकाया। इससे बच्ची इतनी डर गई कि अब वह स्कूल जाने से मना कर रही है। मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ), जिलाधिकारी (डीएम), शिक्षा सचिव, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर सहायक अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
जमालपुर कलां की एक महिला ने शिकायती पत्र में बताया कि वह अपनी बेटी का दाखिला शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नजदीकी राजकीय विद्यालय में कराने के लिए 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही थी। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन और एक सहायक अध्यापक ने बार-बार बेटी का प्रवेश देने से इनकार किया। महिला ने खंड शिक्षा अधिकारी को भी इसकी जानकारी दी। खंड शिक्षा अधिकारी ने फोन पर स्कूल प्रबंधन को दाखिला देने का निर्देश दिया, लेकिन सहायक अध्यापक ने साफ मना कर दिया। अध्यापक ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी, डीएम, शिक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री तक का फोन आए, तब भी वह बेटी को दाखिला नहीं देगा। उसने यह भी कहा कि अगर सीईओ दाखиле की बात कर रहे हैं, तो वे ही बच्ची को पढ़ाएं।
महिला ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में मुफ्त शिक्षा से कोई रोक नहीं सकता, लेकिन सहायक अध्यापक ने पहले भी प्रवेश से मना किया था। आरोप है कि अध्यापक ने मां को अपशब्द कहकर स्कूल से बाहर निकाल दिया और बेटी को इतना डराया-धमकाया कि वह अब स्कूल जाने से डर रही है। बच्ची के दिमाग में अध्यापक का डर बैठ गया है, जिससे वह पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है।
महिला ने आरोप लगाया कि स्कूल में चहेतों के बच्चों को आसानी से दाखिला दे दिया गया, लेकिन सामान्य और गरीब परिवारों के बच्चों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। इससे स्कूल में दाखिले को लेकर भेदभाव हो रहा है। गरीब बच्चों को प्रवेश न मिलने से उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। महिला ने सहायक अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मामला अतिगंभीर है। जिससे मामले की जांच करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। इस संबंध में सीईओ से भी पूछा जाएगा कि उन्होंने क्या किया। जिसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– डा. मुकुल सती, निदेशक