प्रयागराज: धर्म और आस्था के संगम, तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अक्षय वट के दर्शन किए। संगम के पावन तट पर विधिवत पूजन-अर्चन के बाद उन्होंने अक्षय वट पर माथा टेका और विश्व कल्याण व शांति की प्रार्थना की।
पीएम मोदी ने न सिर्फ पूजा-अर्चना की, बल्कि अक्षय वट कॉरिडोर के विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से बात कर महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को होने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
अक्षय पुण्य की कामना:
अक्षय वट को प्रयागराज का रक्षक और भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। पीएम मोदी की पहल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में इस क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। पीएम ने अक्षय वट की पूजा कर भारत के गौरव और विश्व गुरु के रूप में उसकी पहचान को बनाए रखने की कामना की।
पौराणिक महत्व:
अक्षय वट का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि इसकी जड़ों में ब्रह्मा, मध्य भाग में विष्णु और ऊपरी भाग में शिव का वास है। इसे कल्पवृक्ष का अंश भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद सीता और लक्ष्मण के साथ यहां दर्शन किए थे। आज भी यहां तीनों की पूजा होती है।
पीएम मोदी के साथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे। इस पावन अवसर पर, पीएम मोदी ने न केवल पूजा-अर्चना की बल्कि अक्षय वट कॉरिडोर के विकास कार्यों का भी जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत कर महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की जानकारी ली और तैयारियों को और बेहतर बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान, उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें सुगमता से दर्शन का लाभ मिले।