उत्तराखंड

साइबर अपराध और नशे के दुष्प्रभावों के खिलाफ पौड़ी पुलिस टीम का जागरूकता अभियान

Pauri police team’s awareness campaign against cyber crime and ill effects of drugs

पौड़ी: 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने थाना क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं को बढ़ते साइबर अपराधों और नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें।

आज, चौकी प्रभारी श्रीकोट और उनकी पुलिस टीम ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में जाकर एमबीबीएस के छात्रों से संवाद किया। इस दौरान छात्रों को साइबर अपराध, सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों और नशे से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई।

रैगिंग के खिलाफ जागरूकता:
पुलिस ने छात्रों को रैगिंग के विषय में भी जागरूक किया। बताया गया कि रैगिंग एक गंभीर सामाजिक अपराध है, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शोषण का कारण बन सकता है। रैगिंग के खिलाफ भारत में 1999 का रैगिंग निषेध अधिनियम लागू है। यूजीसी द्वारा स्थापित “एंटी रैगिंग हेल्पलाइन” (टोल फ्री नंबर 1800-180-5522) का उपयोग करने के लिए छात्रों को प्रेरित किया गया।

किसी भी प्रकार की रैगिंग की घटना होने पर तुरंत संस्थान के एंटी-रैगिंग सेल, प्रशासन या पुलिस को सूचित करने के लिए प्रेरित किया गया। सभी प्रशिक्षित एमबीबीएस छात्रों से उपरोक्त के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो सभी ने बताया कि इस प्रकार के बुरे कृत्य उनके साथ नहीं होते हैं| सभी को बताया कि यदि किसी भी छात्र के साथ कोई रेगिंग जैसी घटना होने पर तत्काल कॉलेज प्रशाशन के एंटी रैगिंग सेल अथवा पुलिस के पास इसकी सूचना दी जाय|

police workshop on cyber fraud

साइबर जागरूकता:
साईबर फ्रॉड वर्तमान में देश की सर्वप्रथम समस्या बनी हुयी है, प्रत्येक व्यक्ति साईबर फ्रॉड का शिकार किसी न किसी रुप में हो रहा है। साईबर फ्रॉड में व्यक्ति कई प्रकार से आता है|

साईबर फ्रॉड करने वाला व्यक्ति किसी को लोन की धनराशि दुगना करना, लॉटरी लगना, पैंसे कमाने की नई तकनीकि में लाना, टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर विभिन्न लुभावने ऑफर देकर लोगों से फ्रॉड कर देते हैं।

किसी को मानसिक रुप से ब्लैकमेल करके कि आपके बच्चे के खिलाफ किसी मामले में एफ.आई.आर. हुई है, या आपका नम्बर किसी एफ.आई.आर में प्रकाश में आ रहा है, या साईबर फ्रॉडर आपको वीडियो कॉल कर एक एडिटेड न्यूड वीडियो बनाकर डराकर वर्तमान में कई प्रकरण आ रहे हैं।

मित्र या रिश्तेदार बनकर भी व्हाट्स एप, फेसबुक, इन्स्टाग्राम में फर्जी आई.डी बनाकर पैंसों की मांग यह बोलकर करते हैं कि शाम को या अगले दिन लौटा देंगे।

इस प्रकार व्यक्ति सामने वाले को बिना वैरीफाई किये या जाने लालच में आकर, मानसिक रुप से ब्लैकमेल होकर, मित्र या रिश्तेदार के लिये भावनाओं में आकर उनको गूगल पे या अन्य माध्यम से रुपये डाल देते हैं और उसके पश्चात इस डार्क नेट में इतना उलझ जाते हैं, कि कई बार लाखों रुपये साईबर फ्रॉडर को उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये खातों व क्यूआर कोड में ऑनलाईन ट्रांसफर कर देते हैं, और साईबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।

साइबर फ्रॉड से बचने का उपाय यही है कि जागरूक होकर धनराशि डालने से पूर्व घटना कि पूर्ण जानकारी करते हुए संबंधित अज्ञात नंबर को ब्लॉक कर दें औऱ पुलिस को जानकारी देने के साथ साथ टोलफ्री नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज़ करा दें

पुलिस ने छात्रों को सलाह दी कि वे किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले संदेशों या कॉल्स से सावधान रहें और धनराशि भेजने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि हो, तो तुरंत टोलफ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें। इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य छात्रों को सुरक्षित रखना और उन्हें साइबर अपराधों और नशे के दुष्प्रभावों से बचाना है। सभी छात्रों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि वे इन मुद्दों पर और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं।

Related Posts

Load More Posts Loading...No More Posts.