उत्तराखंड के पवित्र धामों केदारनाथ और बदरीनाथ में शीतकालीन सुरक्षा के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। उत्तराखंड सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्त पहल से भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को दोनों धामों में तैनात किया गया है। केदारनाथ और बदरीनाथ में प्रत्येक धाम पर एक-एक प्लाटून के जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
2022 में जब केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाई गई, तब सुरक्षा की चिंताएं बढ़ गई थीं। इसके बाद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से शीतकाल के दौरान सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। मंत्रालय ने इस मांग को गंभीरता से लिया और आईटीबीपी की तैनाती का आदेश जारी किया। अब हर साल जब कपाट बंद होते हैं, आईटीबीपी के जवान इन धामों की रक्षा करते हुए नजर आएंगे।
शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद दोनों धाम बर्फ से ढक जाते हैं और वहां कोई गतिविधि नहीं होती। फिर भी, इन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और पवित्रता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। आईटीबीपी के जवान आधुनिक हथियारों और सुरक्षा उपकरणों से लैस होंगे, जिनका उद्देश्य मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “शीतकाल में मंदिरों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईटीबीपी की तैनाती से हमारी सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।” उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्लाटून में 30 से 40 जवान होंगे, जो 24 घंटे गश्त करेंगे और विपरीत मौसम में भी अपना दायित्व निभाएंगे। सीसीटीवी कैमरे और अन्य निगरानी उपकरण भी सुरक्षा के लिए उपयोग में लिए जा रहे हैं।
केदारनाथ और बदरीनाथ भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से हैं, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इसलिए, शीतकाल में इनकी सुरक्षा को लेकर सरकार और मंदिर समिति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मंदिर समिति और प्रशासन के भविष्य की योजनाओं में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना शामिल है, जिसमें अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाना और डिजिटल निगरानी बढ़ाना शामिल है।