इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव
नई दिल्ली: इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव का आयोजन शुरू हो चुका है। इस कॉन्क्लेव में शिक्षा से जड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इन मु्द्दों में एक मुद्दा पेपर लीक का है। इस मुद्दे पर आज इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में डीन छात्र कल्याण (इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) प्रोफसर आर के सिंह चर्चा की।
एक सवाल का जवाब देते हुए प्रोफसर आर के सिंह ने कहा, “एग्जामिनेशन हम दो तरह से करते हैं नेशनल लेवल पर। एक एग्जामिनेशन होता है ऑफलाइन मोड, जिसमें कि क्वेश्चन पेपर स्टूडेंट को दिया जाता है। दूसरा है ऑनलाइन मोड एग्जामिनेशन, जोकि आजकल बहुत प्रचलित है। दोनों मॉडल में कुछ समानताएं हैं और कुछ विभिन्नताएं भी हैं। हम एक फिक्स फॉर्मेट में पेपर डिाजाइन करते हैं।” आगे उन्होंने कहा, “जो लीकेज की समस्या आती है, केंद्र तक पहुंचने के बीच में आती है। ऑनलाइन एग्जामिनेशन सिस्सट इतना प्रविलेंट नहीं पेपर लीकेज लेकिन ये स्टिल असुरक्षित है।”
उन्होंने कहा, “क्वेश्चन पेपर बनाना एक सब्जेक्टिव नेचर है। कोशिश यही रहती है कि स्टेंडर्ड के बेसिस पर सिमिलर लेवल पर क्वेश्चन दिए जाएं।”
प्रोफसर आर के सिंह ने एक क्वेश्चन का जवाब देते हुए कहा, “हमारा एसेसमेंट दो तरीके से होता है, एक होता है जिसमें हम बच्चे नॉलेज चेक कर रहे हैं उसके बेसिस पर उसे ग्रेड दे रहे हैं या रैंकिंग दे रहे हैं। दूसरा होता है रिक्रूटमेंट के लिए होता है या किसी पोस्ट के लिए होता है, इसलिए वहां पर असुरक्षा की संभावना ज्यादा है।”
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