उत्तराखंड

हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया, साहित्य और स्थानीय भाषाओं के संरक्षण पर जोर | Hindi Diwas 2025 CM Dhami Honours Litterateurs

हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया, साहित्य और स्थानीय भाषाओं के संरक्षण पर जोर | Hindi Diwas 2025 CM Dhami Honours Litterateurs

देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने हिंदी दिवस 2025 (Hindi Diwas 2025) के अवसर पर आईआरडीटी सभागार, सर्वे चौक, देहरादून में आयोजित ‘उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह’ में भाग लिया।

उन्होंने उत्तराखंड की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान (Uttarakhand Bhasha Sansthan) के प्रयासों की सराहना की और स्थानीय भाषाओं व बोलियों के संरक्षण पर जोर दिया। इस दौरान साहित्यकारों शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा को मरणोपरांत और सोमवारी लाल उनियाल, अतुल शर्मा को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।

साहित्य: समाज का दर्पण | Literature as Society’s Mirror

मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य समाज की संवेदनाओं का मार्गदर्शक और दर्पण है। यह नई दिशा देता है और सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा देता है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Freedom Movement) में कवियों और रचनाकारों की भूमिका को रेखांकित किया और उत्तराखंड के साहित्यकारों जैसे सुमित्रानंदन पंत,

महादेवी वर्मा, शिवानी, शैलेश मटियानी, गिर्दा, और हिरदा को श्रद्धांजलि दी। समकालीन रचनाकारों जैसे अतुल शर्मा, प्रसून जोशी, और सोमवारी लाल उनियाल को परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए सराहा।

साहित्य और भाषा संरक्षण के प्रयास | Efforts for Literature and Language Preservation

  • उत्तराखंड भाषा संस्थान: बिखरे साहित्य को संरक्षित, संकलित, और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कार्य।
  • स्थानीय भाषाएं और बोलियां: सरकार इनके संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत।
  • सम्मान और पुरस्कार: ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’, और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कारों के माध्यम से साहित्यकारों को प्रोत्साहन।
  • रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताएं: कक्षा 6 से विश्वविद्यालय स्तर तक आयोजन, 100+ युवा रचनाकार पुरस्कृत।
  • छात्र सम्मान: हाईस्कूल और इंटर में हिंदी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 176 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया।
  • पुस्तक प्रकाशन अनुदान: पिछले 2 वर्षों में 62 साहित्यकारों को अनुदान, इस वर्ष ₹25 लाख का विशेष बजट।

दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान | Long-Term Literary Service Award

  • पुरस्कार राशि: प्रत्येक साहित्यकार को ₹5 लाख।
  • सम्मानित साहित्यकार:
    • मरणोपरांत: शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा।
    • जीवित: सोमवारी लाल उनियाल, अतुल शर्मा।
  • साहित्य ग्राम: दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जाएंगे, साहित्यकारों के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ।

वैश्विक साहित्यिक पहचान और मोदी सरकार की भूमिका | Global Literary Identity and Modi’s Role

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का साहित्य अपनी वैचारिक संपन्नता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पहले इसकी उपेक्षा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में सांस्कृतिक और साहित्यिक पहचान को नई दिशा मिल रही है। उत्तराखंड सरकार भी इस प्रेरणा से स्थानीय भाषाओं और साहित्य को बढ़ावा दे रही है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति | Key Attendees

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल (Cabinet Minister Subodh Uniyal), विधायक खजान दास (MLA Khajan Das), सचिव नीरज खैरवाल (Secretary Neeraj Khairwal), भाषा संस्थान निदेशक जसविंदर कौर (Director Jaswinder Kaur), और कई शिक्षाविद्, साहित्यकार, छात्र, और संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।

साहित्यिक विरासत का सम्मान | Honouring Literary Heritage

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस पर साहित्यकारों को सम्मानित कर और साहित्य ग्राम की घोषणा कर उत्तराखंड की साहित्यिक परंपरा को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दिखाई। यह प्रयास हिंदी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में मदद करेगा।

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